हिमाचल प्रदेश के 59 शहरों के लिए नया डेवलपमेंट प्लान बनाया जाएगा। भवन बनाने के लिए स्ट्रक्चर डिजाइन और इंजीनियर की रिपोर्ट होना जरूरी होगी। राज्य में प्राकृतिक आपदा से सबक लेते हुए सरकार इस पर योजना तैयार कर रही है।
शिमला डेवलपमेंट प्लान की तर्ज पर शहरी निकायों के लिए भवन बनाने का यह प्लान बनेगा। विधानसभा में भी इस मामले पर विस्तृत चर्चा हुई है। प्राकृतिक आपदा में जो मकान गिरे व क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनका मुख्य कारण स्ट्रक्चर डिजाइन और इंजीनियरों से सलाह न लिया जाना बताया जा रहा है। ऐसे में सरकार प्लान के तहत ही शहरी निकायों में भवन निर्माण करने पर विचार कर रही है।
शिमला प्लानिंग एरिया को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी है। इसके तहत शिमला प्लानिंग एरिया में तीन से पांच मंजिला तक भवन बनाने को अनुमति दी है। जहां पांच मीटर सड़क है, वहां लोग पांच मंजिला तक भवन निर्माण कर सकते हैं, जबकि जहां सड़क नहीं है, वहां दो मंजिला भवन और एटिक का निर्माण किया जा सकता है। एटिक को भी सरकार ने रिहायशी बनाया है।
इसकी ऊंचाई 10 फुट के करीब की गई है। यानी इसको लेकर लोगों को तीन मंजिलें मिल रही हैं। ऐसा ही प्लान प्रदेश सरकार अन्य शहरी निकायों के लिए भी तैयार करने पर विचार कर रही है। प्रदेश में 59 शहरी निकाय है। टीसीपी मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि राज्य में प्लान के साथ भवन के निर्माण की जरूरत है।
प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते करीब तीन हजार पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान जिला मंडी में हुआ है। बारिश के चलते नालों में पानी का बहाव बढ़ा और कई मकानों को अपने साथ बहा ले गया।
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