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कंपनी बोरिया बिस्तर बांध चलती बनी, ठेकेदारों के फंसे 45 करोड़

सुनील ठाकुर |

​बिलासपुर में फोरलेन सड़क निर्माण में कार्य करने वाले ठेकेदारों की करीब 45 करोड़  रूपए की पेंमेंट कंपनी के पास फंसे होने के कारण अब इस वर्ग को भूखों मरने की नौबत आ गई है। यदि शीघ्र ही उनकी पेमेंट की अदायगी नही होती है तो वे आत्मदाह तक करने से नहीं चूकेंगे। यह चेतावनी किरतपुर से लेकर नेरचौक तक बन रहे फोरलेन सड़क निर्माण में कार्य कर रही ठेकेदार यूनियन के अध्यक्ष जितेंद्र चंदेल ने दी। चंदेल ने कहा कि आईएलएंडएफएस के तहत आईटीएनएल  कंपनी के पास उन्होंने काम किया लेकिन, काम के बदले उन्होंने मेहनताना नहीं दिया गया।

करीब 45 करोड़ की पेमेंट कंपनी के पास फंसी है जिसे निकलवाने के लिए दो साल से अधिक का समय हो गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी  के अधिकारियों द्वारा आए दिन उन्हें पेमेंट के लिए टरकाया जा रहा है। यही  नहीं कंपनी अपना बोरिया बिस्तर समेट कर यहां से चलती बनी है तथा आगामी कार्य को अंजाम देने के लिए न्यू इंडिया कंस्ट्रक्शन कंपनी को भेज दिया  है। उन्होंने कहा कि सभी ठेकेदार मानसिक रूप से परेशान हैं।

उन्होंने कहा  कि इस परेशानी का दंश परिवार के सदस्य भी भुगत रहे हैं। तंगहाली के इस  आलम में उनकी संपतियां तक बिक चुकी है जबकि घरों को भी बैंकों में गिरवी रखा है। उन्होंने बताया कि बैंक कर्मी आए दिन उन्हें घरों में आकर ऋण  चुकाने के लिए कह रहे हैं। ऐसे में सामाजिक तिरस्कार का भी उन्हें सामना करना पड़ रहा है।