मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राष्ट्रीय राजमार्गों के भूमि अधिग्रहण के सम्बन्ध में राज्य सरकार और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों को भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि एनएचएआई द्वारा निष्पादित मुख्य सड़क परियोजनाओं के कार्य को जल्द शुरू किया जा सके। मुख्यमंत्री ने एनएचएआई के अधिकारियों को उनके द्वारा निष्पादित की जा रही परियोजनाओं को पूरा करने के लिए समय सीमा निर्धारित करने और समय पर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की प्रमुख एनएचएआई परियोजनाओं का शुभारम्भ और शिलान्यास करने के लिए इस वर्ष के मध्य तक प्रधानमंत्री से आग्रह करने की योजना बना रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा वर्तमान में राज्य में लगभग 40 हजार किलोमीटर लम्बी सड़कें हैं, परन्तु पहाड़ी राज्य होने के कारण अभी और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। राज्य सरकार ने 321 गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ा है, जबकि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान 261 गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि गत चार वर्षों के दौरान 240 पुलों और 3108 किलोमीटर सड़कों को जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के कारण प्रदेश में परिवहन का एकमात्र साधन सड़कें हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बेहतर सड़कें महत्वपूर्ण है और हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन राज्य होने के कारण राज्य में बेहतर सड़कें पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों को इस वर्ष जुलाई माह के अंत तक 85 किलोमीटर लम्बे हनोगी-कुल्लू-मनाली सड़क मार्ग के कार्य को पूर्ण करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 4540 करोड़ रुपये की लागत की इस सड़क परियोजना के कार्य के पूरा होने से क्षेत्र में पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में एनएचएआई द्वारा 104 किलोमीटर परमाणु- सोलन-कैथलीघाट-शिमला बाईपास सड़क मार्ग, 226 किलोमीटर कीरतपुर- नेरचैक-मण्डी-कुल्लू-मनाली सड़क मार्ग, 223 किलोमीटर शिमला-बिलासपुर-हमीरपुर- मटौर सड़क मार्ग तथा 17 किलोमीटर पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ सड़क मार्ग का कार्य क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से इन परियोजनाओं को पूर्ण करने के निर्देश दिए क्योंकि यह परियोजनाएं राज्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओें के पूर्ण होने से 131 किलोमीटर की लम्बाई तथा 11 घण्टों की दूरी कम होगी।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय थल परिवहन एवं उच्च मार्ग मंत्री द्वारा 1,303 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 39.14 किलोमीटर राष्ट्रीय उच्च मार्ग-05 के परमाणु-सोलन फोरलेन के एक भाग का लोकार्पण किया जा चुका है।
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