साल 2018 जाने वाला है और लोग नए साल के इस्तकबाल के लिए तैयार हैं। साल 2018 सभी के लिए कुछ खट्टी-मीठी यादें छोड़कर जा रहा है। इस साल में कुछ ऐसी भी घटनाएं हुईं जिसने प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। इन हादसों में सबसे भयावह हादसा था नूरपुर का स्कूल बस हादसा जिसने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया। कांगड़ा के नूरपुर में 9 अप्रैल को एक निजी स्कूल बस हादसे का शिकार हो गई थी। इसमें 24 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई थी।
इसके अलावा भी प्रदेश में सड़क हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे। देवभूमि में हर साल सैकड़ों लोग सड़क हादसों में अपनी जान खो रहे हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि 11 महीनों में हिमाचल में 2,832 सड़क हादसे हुए हैं।
ये है 2018 में सड़क हादसों का ग्राफ….
2,832 सड़क हादसों में 1,099 लोगों की मौत हुई और 5, 059 लोग घायल हुए। 2018 में नवंबर तक बिलासपुर में कुल 174 सड़क हादसे हुए, जिनमें 52 लोग मारे गए और 391 घायल हुए। चंबा में 129 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 64 लोग मारे गए और 257 घायल हुए। हमीरपुर में 128 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 36 लोग मारे गए और 170 लोग घायल हुए।
कांगड़ा में 508 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 184 मारे गए और 821 घायल हुए। किन्नौर में 45 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 29 लोगों की मौत हो गई और 99 घायल हो गए। कुल्लू में 183 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 92 की मौत हो गई और 313 घायल हो गए। लाहौल स्पीति में 16 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 4 की मौत और 34 घायल हुए। मंडी में 333 घटनाएं हुई, जिनमें 91 की मौत हो गई और 622 घायल हुए।
शिमला में 469 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 221 की मौत और 902 घायल हो गए। सिरमौर में 241 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 101 की मौत हो गई और 454 घायल हो गए। सोलन में 187 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 43 की मौत हो गई और 320 घायल हो गए। ऊना में 262 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 129 मौत हो गई और 489 लोग घायल हो गए। बद्दी में 155 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 53 की मौत हो गई और 187 घायल हो गए।
जानकारी देते हुए एएसपी टीटीआर शिमला पंकज शर्मा ने बताया कि प्रदेश में ज्यादातर सड़क हादसे लापरवाही के कारण होते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटक यहां घूमने आते हैं और पुलिस द्वारा बताए गए ट्रैफिक नियम का पालन नहीं करते हैं। जिस कारण वे दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा भी चालक द्वारा नशे का सेवन कर वाहन चलाने से भी हादसे होते हैं।