कसौली अवैध निर्माण में टीसीपी ने 12 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करने के अलावा फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को उन अधिकारियों के नाम दिए हैं, जिनके रहते 13 होटलों का अवैध निर्माण हुआ था।
नारायणी गेस्ट हाउस में एक मई को हुए शूटआउट में अवैध निर्माण गिराने गई टाउन प्लानर शैल बाला की मौके पर ही मौत हो गई थी और लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी गुलाब ने पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर खुद संज्ञान लेते हुए सरकार को फटकार लगाई थी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने उन अधिकारियों के नाम मांगे थे, जिनके समय में यह अवैध निर्माण हुआ था।
अवैध निर्माण मामले में 8 जिला टाउन कंट्री प्लानर और 4 जूनियर इंजीनियर शामिल पाए गए हैं। सरकार ने भी इस मामले में संज्ञान लेते हुए तत्कालीन एसपी, परवाणू के डीएसपी., नायब तहसीलदार और धर्मपुर व कसौली के थाना प्रभारियों को निलंबित कर दिया था। इसके अलावा उस वक्त मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों पर भी कार्रवाई की गई थी।
टीसीपी के निदेशक राजेश्वर गोयल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट को टीसीपी के 12 अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम दिए गए हैं, जिनके समय में कसौली में अवैध निर्माण हुआ था। मामले पर अगली सुनवाई 25 अक्तूबर को होगी।