मुख्मयंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को नाहन में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने डॉ. वाई.एस. परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, नाहन के प्रधानाचार्य को इस महामारी के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए अस्थाई रूप से 50 नर्सों, चार डेटा एंट्री ऑपरेटरों, 20 चतुर्थ श्रेणी वार्ड ब्यॉज, तीन प्रयोगशाला तकनीशियनों और 10 ऑपरेशन थियेटर सहायकों को प्राधिकृत सेवा प्रदानकर्ता एजेंसियों के माध्यम से 30 जून, 2021 तक आउटसोर्स आधार पर कोविड ड्यूटी पर तैनात करने के लिए अधिकृत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पीपीई किट्स, फेस मास्क, सेनिटाजर और ऑक्सीजन की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करने पड़े। राजकीय चिकित्सालय, नाहन में बिस्तरों की क्षमता को 110 तक बढ़ाया जाएगा। आयुर्वेदिक अस्पताल के भवन को समर्पित कोविड देखभाल केन्द्र के रूप में समर्पित किया जाएगा जिसमें 25 अतिरिक्त बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमित लोगों को उपचार की बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार जिले के अन्तर्गत कुछ निजी अस्पतालों का उपयोग करेगी। उन्होंने जिला प्रशासन को राजकीय महाविद्यालय नाहन और जिला परिषद् भवन के हॉल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के लिए सम्भावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे बिस्तरों की संख्या में 200 तक की वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने पंचायती राज संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों, गैर-सरकारी संगठनों और सामाजिक संगठनों से लोगों की सहायता करने और इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार की सहायता करने के लिए आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सम्बन्धित क्षेत्रों में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों पर निगरानी रखने को कहा ताकि अन्य राज्यों से आए लोगों की कोविड जांच या उन्हें होम आइसोलेशन में रखना सुनिश्चित किया जा सके।
जयराम ठाकुर ने कहा कि चिकित्सक और अन्य पेरा-मेडिकल स्टाफ कोविड-19 मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करें और सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाएं क्योंकि यह उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ में सहायक सिद्ध होगा। सीमावर्ती जिलों के लोग अपने निकट के राज्यों से आने वाले लोगों पर भी कड़ी निगरानी रखें ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज भवन के निर्माण में तेजी लाई जाएगी और चिकित्सकों तथा अन्य पेरा-मेडिकल स्टाफ की समुचित व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए की इस महामारी के संबंध में प्रदेश सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया और दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।