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आज से शुरू होंगे साहसिक खेल, गोवा की तर्ज पर बिलासपुर में क्रूज सवारी

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  • गोबिंदसागर झील में दौड़ेगा 60 सीटर क्रूज
  • ब्यास में रिवर राफ्टिंग के रोमांच का मजा
  • पैराग्‍लाइडिंग और अन्‍य बहुत कुछ एडवेंचरस

समाचार फर्स्‍ट एजेंसी

हिमाचल प्रदेश में आज से सैलानी और स्‍थानीय लोग एडवेंचर स्‍पोर्टस का मज ले सकते हैंद। साहसिक गतिविधियां शुरू हो रही हैं। मानसून को देखते हुए 2 महीने पहले पर्यटन विभाग ने रिवर रॉफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग जैसी साहसिक गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। अब आज से यह रोक हट रही है।
देशभर से पहाड़ों पर पहुंचने वाले सैलानी अब ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग और गोबिंदसागर झील में हाईस्पीड स्टीमर का आनंद उठा सकेंगे। गोबिंदसागर झील में स्टीमर का इस्तेमाल पहली बार किया जा रहा है। इसी झील में 10 से 12 दिन बाद 60 सीटर क्रूज चलना भी शुरू हो जाएगा। स्टीमर और जेली गोबिंदरसागर झील में पहुंच गए है, जबकि क्रूज​​​​​​​ पांच से छह दिन बाद विशाखापट्टनम से बिलासपुर पहुंच जाएंगा। वहीं कुल्‍लू-मनाली-मंडी और चंबा में नदी की लहरें में रीवर रफिटंग का आनंद लिया जा सकेगा।
वहीं कांगड़ा के बीड़ बिलिंग और बंदला साइट पर पैराग्लाइडिंग भी शुरू हो जाएगी। पैराग्लाइडिंग पर भी दो महीने पहले ही रोक लगा दी गई थी। हिमाचल की विभिन्न साइट पर पैराग्लाइडिंग के लिए न केवल देश बल्कि दुनियाभर से लोग पहुंचते हैं।

साहसिक गतिविधियां शुरू होने के बाद प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर फिर से रौनक बढ़ेगी। इससे पर्यटन व्यवसाय भी रफ्तार पकड़ेगा। बता दें कि बरसात के मौसम में अनहोनी से बचने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से 15 जुलाई से 15 सितंबर तक साहसिक गतिविधियां पर रोक लगाई गई थी। पाबंदी खत्म होने के बाद पर्यटक स्थलों पर साहसिक गतिविधियां सुचारू रूप से चलना शुरू हो जाएंगी। इसके लिए ऑपरेटरों ने तैयारी कर ली है। इन गतिविधियों से पर्यटन स्थलों में एक बार फिर से रौनक बढ़ेगी। पर्यटन व्यवसाय भी गति पकड़ेगा।