हिमाचल देवभूमि है और जिला कुल्लू के कण-कण में भी देवी देवताओं का वास है। यहां देवी देवता नए रथ में विराजमान होने पर पार्वती और ब्यास के संगम तट पर शाही स्नान करते हैं। रविवार को भुंत्तर से सटे पिपलागे की माता नैणा उग्रतारा 18 वर्ष बाद नए रथ में विराजमान हुईं।
माता नैणा दोपहर एक बजे अपने हारियानों के साथ ढोल नगाड़े की थाप पर मंदिर से जिया संगम की ओर रवाना हुई। वही इस शुभअवसर पर तेगूबेहड़ से माता भद्रकाली मे भी अपने हारियानों सहित शामिल हुई।वही माता के पुजारी अमित मंहत ने बताया कि विधिविधान के साथ माता नैणा ने पार्वती और ब्यास नदी के तट पर शाही स्नान किया और उसके बाद हवन भी किया गया।
साथ ही उन्होxने बताया कि सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भी स्नान किया और बताया कि भंडारे का भी आयोजन किया गया था जिसमे सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।