अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और ठियोग विधानसभा से विधायक कुलदीप सिंह ने भाजपा पर निशाना साधा है. भाजपा पर पलटवार करते हुए कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि भाजपा का जहाज बढ़ते भोज से डूब जाएगा. बाहर से आने वाले लोगों ने इस जहाज का बोझ बढ़ा दिया है. वहीं राठौर ने एक बार फिर सेब के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश के बागवानों से चुनाव में वायदे किए. लेकिन इससे उलट भाजपा के शासन में प्रदेश की सेब आर्थिकी पर संकट पैदा हो गया है.
कुलदीप सिंह राठौर ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा का जहाज डूबने की स्थिति में है. उन्होंने इस दौरान कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं पर भी निशाना साधा. राठौर ने कहा कि भाजपा के जहाज पर भीड़ बढ़ती जा रही है. हो सकता है कि आने वाले समय में भाजपा के जहाज में भगवा की जगह तिरंगा हो जाए. कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि जब जहाज के डूबने की स्थिति होगी तो सबसे पहले बाहर से आए लोगों को वह बाहर फेंकेंगे. राठौर ने इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल को भी निशाने पर लिया. राठौर ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को क्या देश में आज बेरोजगारी की समस्या नज़र नहीं आती?
उन्होंने कहा कि 2014 के चुनाव में भाजपा संकल्प पत्र लेकर आई. इसमें प्रतिवर्ष 2 करोड़ नौकरियों का वादा था. लेकीन वह पुरा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को देश में क्या महंगाई नज़र नहीं आती? उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश में लगातार महंगाई बढ़ी है. सिलेंडर के से लेकर तमाम चीजों के दाम बढ़े हैं. देश को आजादी दिलाने में कांग्रेस पार्टी का योगदान रहा है. वहीं आजादी के वक्त भाजपा की विचारधारा के पुरखे कहां थे. उन्होंने कहा की अगर देश को किसी से खतरा है तो NDA सरकार से है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने लोगों को बांटने का काम किया है और आज भाई-भाई अलग हो गए हैं.
कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि चुनाव के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेब बागवानों से बड़े बड़े वायदे किए. उन्होंने कहा की फसल को सुरक्षित करने, इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने और हिमाचल के सेब को कोल्ड ड्रिंक में मिलने की बात कही. लेकिन हुआ इसका उलट. केंद्र सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी. ऐसे में सेब का इंपोर्ट बढ़ने से प्रदेश की सेब आर्थिक की पर संकट छा गया है. ईरान का सेब बाजार में आना शुरू हो गया है. अच्छे दामों की उम्मीद से बागवानों ने अपना सेब स्टोर करके रखा था. लेकीन अब उन्हें अच्छे दान नहीं मिल रहे हैं और इसका बुरा प्रभाव पुरी सेब आर्थिकी पर हो रहा है.
देखने में आ रहा है कि इस बार स्थानीय सेब का दाम 800 से 1200 रुपए प्रति बेटी का दाम मिल रहा है जो बीते वर्ष 2000 के आसपास था वही कोल्ड स्टोरेज का खर्च 400 प्रति बॉक्स के हिसाब से आता है.वहीं कोटगड़ क्षेत्र में प्रदूषण का असर प्लम की फसल पर देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि लगातार इस इलाके में डंपिंग हो रही है ऐसे में इसका बुरा प्रभाव फ्लोरिंग सीज़न पर चल रही प्लम की फसल पर हो रहा है. इसका संज्ञान लेने के लिए उन्होंने पर्यावरण विभाग से भी कहा है.
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