हिमाचल के जिला मंडी में हवाई सेवाओं का सपना हवा-हवाई हो चुका है। कई बार यहां एयरपोर्ट बनाने की बात की गई, लेकिन ये बातें सिर्फ कागज़ों तक ही सीमित रही। धरातल में एयरपोर्ट बनने का सपना केवल मंडी के लोगों का ख्याब ही बन कर रह गया।
मंडी जिला वर्षों से एयरपोर्ट बनाने के सपने देख रहा है। सबसे पहले बल्हघाटी में एयरपोर्ट बनाने की योजना बनी। यहां पर सर्वे हुआ, जमीन का चयन करने तक बात पहुंच गई, लेकिन बल्हघाटी की धुंध ने सारा काम बिगाड़ दिया। अत्याधिक धुंध होने के कारण एयरपोर्ट के निर्माण की बात फाइलों में ही दफन होकर रह गई।
इसके बाद मंडी और बल्हघाटी के बीच नंदगढ़ एयरपोर्ट के लिए सिलेक्ट किया गया। यहां पर भी सर्वे तो हुआ लेकिन हवाई सेवाओं का सपना हवा में क्रैश हो गया। इसके बाद पधर उपमंडल की घोघरधार का चयन एयरपोर्ट निर्माण के लिए किया गया। मौजूदा केंद्र सरकार की टीम यहां पर सर्वे के लिए आई लेकिन कोई बात आगे नहीं बढ़ी।
वेब पोर्टल के अनुसार, सांसद राम स्वरूप शर्मा मंडी में एयरपोर्ट न बनने का ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ रहे हैं। सांसद के अनुसार प्रदेश सरकार ने घोघरधार के एयरपोर्ट की डीपीआर नहीं बनाई, जिस कारण काम रूका हुआ है, क्योंकि जमीन राज्य सरकार द्वारा मुहैया करवाई जानी है।
इतने प्रयासों के बाद भी अभी तक मंडी की जनता एयरपोर्ट बनने के इस सपने से चूक रही है। अब लोगों को ऐसा लग रहा है कि रेल सेवाओं की भांति हवाई सेवाओं का भी उन्हें सिर्फ लॉलीपॉप दिया जा रहा है और सर्वे के नाम पर गुमराह किया जा रहा है।
गौरतलब है कि मंडी जिला में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और प्रदेश के लिहाज से यह दूसरा सबसे बड़ा जिला है। हालांकि, कुल्लू जिला के भुंतर में एक एयरपोर्ट है, लेकिन वहां पर बड़े जहाज नहीं उतर पाते, इसलिए मंडी में बड़ा एयरपोर्ट बनाने की योजना चल रही है।