Follow Us:

मंडी अस्पताल के सफाई कर्मी के साथ-साथ महिला चपरासी भी कोरोना पॉजिटिव

बीरबल शर्मा, मंडी |

जिला मंडी अस्पताल के कर्मचारियों पर संक्रमण का खतरा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। एक महिला सहित चार सुरक्षा कर्मी, गायनी वार्ड में कार्यरत स्टाफ नर्स, फिर ऑपरेशन करवाने वाली महिला मरीज के बाद अब सैनेटाइजेशन करने वाला एक सफाई कर्मचारी और एक चपरासी के पॉजिटिव होने का ताजा मामला बुधवार को आया है। सैनेटाइजिंग करने वाले सफाई कर्मी और चपरासी के संपर्क में सबसे ज्यादा लोग आते हैं ऐसे में अस्पताल में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।

बुधवार को सफाई कर्मी और महिला चपरासी के पॉजिटिव आने के बाद अब उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। ऐसे में न केवल अस्पताल बल्कि मंडी शहर में भी कर्फ्यू जैसी स्थिति है। चपरासीशहर के सूहड़ा मुहल्ला का रहने वाला है जबकि महिला भी मंडी शहर के समखेत में रहने वाली बताई गई है। शहर के पैलेस कालोनी, जेल रोड़, रामनगर के क्षेत्रों में पहले ही मामले आने से कंटेनमेंट जोन बने हुए हैं, अब सूहड़ा मुहल्ला और समखेतर का कुछ हिस्सा भी बंद हो जाएगा। ऐसे में शहर और अस्पताल में कोरोना के पांव पसारने से लोगों में भय की स्थिति है।

इसी बीच मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेंद्र शर्मा ने कहा कि कोरोना के मामले मंडी में लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोगों को हर कदम पर एहतियात बरतने की जरूरत है। देखा गया है कि बार-बार जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा शारीरिक दूरी और मास्क ठीक से इस्तेमाल करने की अपील को लोग हल्के में ले रहे हैं। लोगों को ख्याल रखना होगा कि उनकी छोटी सी लापरवाही उन पर भारी पड़ सकती है। उन्होंने कहा यह बड़े दुख की बात है कि जिन संदिग्धों के कोरोना सैंपल लिए जाते हैं वे सैंपल देने के बाद भी खुले में घूमते रहते हैं। वे सोचते हैं कि जब तक रिपोर्ट नहीं आएगी तब तक घुमा जा सकता है। ये बात ठीक नहीं है क्योंकि सैंपल देने के बाद रिपोर्ट आने में 2-3 दिन लग जाते हैं यदि इस दौरान कोई व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो वह कई लोगों को संक्रमण दे सकता है।

डॉक्टर शर्मा ने कहा कि सैंपल देने के तुरंत बाद व्यक्ति को अपने घर में ही अपने आप को क्वारन्टीन कर लेना चाहिए। जब तक संदिग्ध व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आ जाती उसे सार्वजनिक स्थान पर नहीं घूमना चाहिए। लोग सख्ती से इन दिशा-निर्देशों का पालन करें क्योंकि ऐसे लोगों की लापरवाही को महामारी अधिनियम के अंतर्गत एक अपराध माना जाता है। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए जब तक स्थिति सामान्य न हो या बहुत जरूरी न हो मंडी अस्पताल आने से परहेज करें ताकि कोरोना संक्रमण के खतरे को फैलने से रोका जा सके। कोरोना से डरें नहीं बल्कि सचेत रहकर अपना बचाव करें।