सरकारी कर्मचारियों के बराबर पेंशन और अन्य भत्तों की मांग को लेकर पथ परिवहन पेंशनर्स कल्याण संगठन के आहवान पर 15 सितंबर को मंडी में हजारों पेंशनर्स आक्रोश रैली निकालेंगे। प्रदेश सरकार की वादा खिलाफी और बेरूखी से आहत एचआरटीसी के पेंशनर्ज मंडी में राज्य स्तरीय रैली, धरना प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी का इजहार करेंगे। पथ परविहन पैंशनर कल्याण संगठन मंडी ईकाई के प्रधान एवं राज्य उप प्रधान बृजलाल ने बताया कि एचआरटीसी पेंशनर्ज को सरकारी कर्मचारियों के मुकाबले तीस प्रतिशत पेंशन कम दी जा रही है और वह भी समय पर नहीं मिल रही है।
बृजलाल ने बताया कि 2013 के बाद से एचआरटीसी पेंशनर्स को समय पर पेंशन नहीं दी जा रही है। कभी छह महीने बात तो कभी दो महीने बाद पेंशन मिलती है। इस महीने की 13 तारीख बीत जाने के बाद भी उनके खाते में पेंशन नहीं आई है। जबकि सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह तीस तारीख को ही खाते में आ जाती है। उन्होंने बताया कि परिवहन पेंशनर्ज को लाखों के हिसाब से अदायगी की जानी है। करीब 204 करोड़ की देनदारी पेंशनर्स की सरकार ने रोक रखी है। उन्होंने बताया कि एचआरटीसी कल्याणकारी निगम है, जिसमें करीब 17 वर्गों के लिए मुफत यात्रा की सुविधा दे रखी है।उसी प्रकार राज्य सरकार ने रक्षा बंधन और भाई दूज जैसे पर्वों पर महिलाओं के लिए मुफत यात्रा की सुविधा सरकार ने प्रदान कर रखी है।
उन्होंने बताया कि सरकार एचआरटीसी के घाटे का बहाना बनाकर कर्मचारियों और पेंशनर्स को उनके जायज हक देने में आनाकानी कर रही है। एचआरटीसी पेंशनर्स को सरकारी विभागों के पेंशनर्ज से पांच से साज हजार रूपए कम पेंशन मिल रही है। इसके अलावा 13 प्रतिशत कम एडीआर और 17 प्रतिशत कम आईआर मिल रहा है।
इस अवसर पर मंडी ईकाई के उप प्रधान सुभाष, वरिष्ठ उप प्रधान रोशन लाल कटोच और अनूप कपूर ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि परिवहन पेंशनर्स ने अपनी जवानी के दिनों में बर्फबारी और बारिश के अवरोधों के बावजूद लोगों को सडक़ से उठाकर उनकी मंजिल तक पहुंचाया है, मगर आज वे ही सडक़ पर हैं। उन्होंने कहा कि परिवहन कर्मियों के दम पर ही सरकार ने कई राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं। उन्होंने बताया कि 15 सितंबर की रैली में प्रदेश भर से पैंशनर्स जुटेंगे और पड्डल मैदान से रैली की शुरूआत होगी जो सेरी और चौहटा बाजार से होते हुए सेरी मंच पर रैली के रूप में समापन्न होगा।