Follow Us:

बिलासपुरः नॉप्स स्कूल में धूमधाम से मनाया वार्षिक समारोह

सुरेन्द्र जंवाल, बिलासपुर |

जिला बिलासपुर में घुमारवीं के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नॉप्स में वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह धूमधाम से मनाया गया है। इस वार्षिक समारोह  में मुख्यतिथि के रूप में उच्च शिक्षा निदेशक प्रकाश चंद ने शिरकत की है। स्कूल पहुंचने पर स्कूल स्टाप और बच्चों ने फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया और कार्यक्रम का शुभारम्भ बन्दे मातरम से किया गया। विद्यालय की छात्राओं ने मुख्यतिथि के सम्मान में स्वागत गीत प्रस्तुत किया। स्कूल के प्रधानाचार्य नीलम शर्मा ने मुख्यतिथि को शाल, टोपी और स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया। स्कूल के प्रधानचार्य और स्कूल स्टाफ द्वारा कार्यक्रम में पहुंचे सभी गणमान्य व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया।

स्कूल के प्रधानाचार्य नीलम शर्मा ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट से मुख्यतिथि व अभिभावकों को विस्तार अवगत करवाया। स्कूल के बच्चों ने अनेक प्रस्तुतियां प्रस्तुत कर के श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। जिनमें समूहगान, लोकनृत्य, नाटी, पंजाबी गिद्धा, आदि प्रस्तुत की साथ ही स्वामी विवेकांनद की जयंती के ऊपर बच्चों ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला गया और उनके द्वारा किए गए कार्यों को लघु नाटिका के रूप में प्रस्तुत किया गया। मुख्यतिथि ने बच्चों को अपने संबोधन  में कहा कि बच्चे जीवन में लक्ष्य के लेकर चले जिससे वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जी तोड़ मेहनत करे। मेहनत से जीवन में बच्चों के द्धारा जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसे हासिल किया जा सकता है।

 मुख्यतिथि ने बच्चों से  अपील की है कि नशे से दूर रहना है जो बच्चे नशेड़ी बन जाते हैं वह अपने जीवन के साथ साथ अपने मां बाप के जीवन को भी ग्रंहण लगाकर छोड़ देते हैं। बच्चों से अनुरोध किया है कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी बढ़-चढ़ कर भाग लेना चाहिए। खेलों से भाईचारे की भावना विस्तृत होती है। इन्होंने सभी अभिभावकों से अनुरोध किया हैं कि बच्चों को संस्कार दें , अंहकार मत दें ,संस्कार वाले बच्चे बुलन्दियों को छूते हैं। अंहकार से भरा बच्चा नीचे डूबता है। मुख्यतिथि ने स्कूल प्रबंधक के द्धारा किए गए कार्यक्रम की भरपूर प्रशंसा की। मुख्यतिथि ने शिक्षा क्षेत्र , खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले मेधावी बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया है। मुख्यतिथि ने अपनी तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों को चार हजार रुपए दिए हैं ।