तीन बार नॉर्मल डिलीवरी के बावजूद जब एक मां की गोद सुनी रह गई हो, यानी बच्चों को जेनेटिक दिक्कत की वजह से जन्म के दो-तीन माह के बाद ही उनकी मौत हो जाती थी। तो ऐसी स्थिति में मां-बाप हिम्मत हार जाते हैं.
लेकिन स्थानीय निवासी पूजा ने जब थक-हारकर फोर्टिस अस्पताल का रूख किया और अस्पताल की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ निशा मंुजाल से कंसल्ट की, तो उन्हें आशा की एक नई किरन दिखी और उन्होंने अपना ट्रिटमेंट डॉ निशा से करवाने का फैसला किया।
इससे पहले पूजा प्रदेश और प्रदेश से बाहर के बड़े से बड़े अस्पताल में अपना इलाज करवा चुकी थीं। जिसके बावजूद भी उसे संतान सुख नहीं मिल पाया।
इस संबंध में डॉ निशा मंुजाल ने कहा कि सबसे पहले उन कारणों का पता लगाना था जिनकी वजह से पूजा को मां बनने के बावजूद संतान सुख से वंचित रह रही थी। डॉ निशा ने गहन जांच में पाया कि उनकी समस्या को दूर किया जा सकता है.
क्योंकि पूजा एसएमए (एसएमए) नामक आंशिक बीमारी के ट्रेट से ग्रसित है, जिस वजह से जन्म के दो-तीन माह के बाद ही उनके बच्चे आगे नहीं बढ़ पा रहे थे। डॉ निशा ने पूजा को विश्वास दिलाया कि उनके द्वारा बताए गए ट्रिटमेंट के अनुसार चलेंगी तो वह बिलकुल स्वस्थ बच्चों को जन्म दे सकती हैं।
बहरहाल डॉ निशा द्वारा बताई गईं प्रेग्नेंसी की एडवांस एआरटी विद पीजीडी तकनीक के चलते पूजा ने एक साथ दो बच्चों को कन्सीव किया और फिर हाई रिस्क प्रेग्नैंसी के चलते उचित इलाज़ द्वारा दो हष्ट पृष्ट बच्चों को जन्म भी दिया।
डॉ निशा ने बताया कि यह एक हाई रिस्क प्रेग्नेंसी एक आंशिक बीमारी के चलते और भी चैलेंजिंग केस बन गया था और बारह साल इलाज़ के बाद गर्भ धारण से हमारे लिए भी एक अनोखा अनुभव रहा, जिसमें हमें कामयाबी मिली और पूजा ने स्वस्थ जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। इसमें हमें प्रदेश के बाहर से भी कुछ सेवाएं लेने की आवश्यकता पड़ी, उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही यह सेवाएं भी हम फोर्टिस कांगड़ा में उपलब्ध करवाने जा रहे हैं।
पूजा के परिजन जब अस्पताल से बच्चों को अपने घर ले जा रहे थे, तो उनकी खुशी का ठिकाना न था। उन्होंने डॉ निशा एवं फोर्टिस अस्पताल का तहेदिल से धन्यवाद किया और अस्पताल की बेहतरीन सेवाओं की जमकर तारीफ की।