हिमाचल प्रदेश के किसानों ने सरकार के खिलाफ एक बार फिर से आंदोलन करने की रणनीति बना ली है। प्रदेश के सेब किसानों ने सेब सीजन के दौरान मंडियों में हुई लूट को रोकने में नाकाम रही। जिसके चलते बागवानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मार्च में विधानसभा का घेराव करने का फैसला लिया है। शिमला में हुए इस किसान संघर्ष समिति केअधिवेशन में किसानों ने ये फैसला लिया है।
ठियोग के सीपीएम के विधायक और किसान नेता राकेश सिंघा ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि प्रदेश की बीजेपी सरकार ने मॉनसून सत्र के दौरान किसानों से लूट को रोकने का वादा किया था लेकिन, सरकार ऐसा नहीं कर पाई है। इस साल भी 35 प्रतिशत सेब किसानों को पेमेंट नहीं मिली है और मंडियों में सेब उतारने के नाम पर 30 रुपये प्रति पेटी पैसे काटे गए। जबकि, सरकार ने आढ़तियों से एक सेब की पेटी के किसान से 5 रुपये से ज्यादा रुपयो न काटने की बात कही थी। किसान संघर्ष समिति ने इन मुद्दों को लेकर जनवरी महीने तक प्रदेश के सभी ब्लॉकों के किसानों को संगठित करके मार्च में विधानसभा का कूच करने का निर्णय लिया है।
वहीं, किसानों ने बताया कि सरकार आढ़तियों की लूट रोकने के लिए कोई काम नहीं कर रही है। बीते कई सालों से किसानों के साथ लूट हो रही है। आढ़तियों के दिए हुए चेक बाऊंन्स हो गए हैं। सेब की लाखों की पेमेंट फंसी हुई है। जिसके लिए पुलिस और एपीएमसी से शिकायत की गई है। लेकिन, अभी तक कोई कार्रवाई आढ़तियो पर नहीं की गई है। किसानों की जेब में अगली फसल के लिए दवाई और खाद खरीदने के लिए पैसे नहीं है। सरकार को ऐसे फर्जी आढ़तियों के लाइसेंस रद्द करने चाहिए जिससे अगले साल उनके साथ फिर से कोई लूट ना हो सके।