वामपंथी मित्रों के दबाव में सरकार ने जल्दी में लागू किया यूनिवर्सल कार्टन, खराब कार्टन क्वालिटी से हो रहा नुकसान बाहरी मंडियों में जा रहा सेब: बीजेपी
हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन की शुरुआत हो चुकी है. प्रदेश सरकार के फैसले के बाद इस साल सेब यूनिवर्सल कॉटन में फल मंडी पहुंच रहा है. लेकिन सिंगल लेयर यूनिवर्सल कार्टन डब्बे की क्वालिटी बागवानों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है. इसी बीच अब इस मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है. भाजपा ने इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार ने वामपंथी मित्रों के दबाव में आकर जल्दबाजी में यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का फैसला ले लिया. जिसका नुकसान अब बागवानों को झेलना पड़ रहा है. साथ ही टेलिस्कोपिक कार्टन के पूरी तरह बैन पर भी भाजपा ने सवाल उठाए हैं. साथ ही भाजपा ने इस साल बागवानों को टेलिस्कोपिक कार्टन के इस्तेमाल पर रिलैक्सेशन देने की भी मांग की है.
हिमाचल भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और विधायक बलवीर वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस साल प्रदेश में यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का फैसला लिया है. लेकिन इस कार्टन की क्वालिटी बेहद खराब होने से बागवान को सेब का नुकसान हो रहा है उन्होंने कहा कि इसके अलावा बागवान पैकेजिंग मैटेरियल 1 साल पहले जुटा लेता है ऐसे में बागवानों के पास अभी टेलीस्कोपिक कार्टन भी है. लिहाजा बागवान बाहर की फल मंडियों की तरफ़ पलायन कर रहे हैं. इसका सीधा नुकसान हिमाचल की फल मंडियों को हो रहा है. लिहाजा सरकार को इस साल बागवानों को यूनिवर्सल कार्टन पर रिलैक्सेशन देना चाहिए.
वहीं इस दौरान भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चेतन बरागटा ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने वामपंथी मित्रों के दबाव में आकार जल्दबाजी में यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आ रहे यूनिवर्सल कार्टन की गुणवत्ता बेहद खराब है, जिससे सेब को नुकसान हो रहा है.
उन्होंने कहा कि उसके अलावा बाहर के प्रदेशों में टेलीस्कोपिक कार्टन अभी भी स्वीकार किया जा रहा है. ऐसे में बागवान बाहर की फल मंडियों का रुख कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह हिमाचल की फल मंडियों को बंद करने का षड्यंत्र है.
चेतन बरागटा ने इसके अलावा कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि इस साल सेब में बीमारियां लग रही है लेकिन सरकार ने अभी तक इसको लेकर एडवाइजरी जारी नहीं कही है. वहीं इतना सब होने के बावजूद अभी तक शिमला कांग्रेस की लीडरशिप पूरे प्रकरण से गायब है. चेतन बरागटा ने कहा कि वह यूनिवर्सल कार्टन का स्वागत करते हैं लेकिन इसकी क्वालिटी और बाकी पहलू को ध्यान में रखकर इसे लागू करना चाहिए था जो सरकार ने नहीं किया.