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CM रिलीफ फंड ने बज्रेश्वरी मंदिर न्यास से मांगे 1 करोड़, विरोध के बावजूद मंजूरी मिली

समाचार फर्स्ट डेस्क |

कांगड़ा का बज्रेश्वरी देवी मंदिर न्यास मुख्यमंत्री राहत कोष में 1 करोड़ की राशि देने जा रहा है। इसके लिए न्यास के कुछ लोगों ने विरोध भी किया था। लेकिन मंगलवार को हुई बैठक में इस फैसले पर मुहर लग गई कि मंदिर न्यास मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 1 करोड़ का अनुदान देगा। ये पैसा मंदिर न्यास का है यानी श्रद्धालुओं द्वारा दान दिया गया है।

इसके लिए बकायदा जिला प्रशासन की ओर से शक्तिपीठों को मुख्यमंत्री राहत कोष में 1 करोड़ की राशि देने का आग्रह किया गया था। इसी के मद्देनज़र एसडीएम की अगुवाई में बैठक हुई जिसमें इस फैसले पर सभी ने हामी भरी। हालांकि मंदिर न्यास के इस निर्णय का कांगड़ा वासी विरोध भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री राहत कोष में इतनी बड़ी रकम देने से अच्छा है कि इसे कांगड़ा के विकास के लिए लगाया जाए। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे मंदिर न्यास की नाकामी करार दिया औऱ साथ ही साथ सरकार पर भी सवाल उठाए हैं।

मंदिर न्यास पर बीजेपी का दबाव?

इससे पहले कांग्रेस के टाइम पर भी शक्तिपीठों को मुख्यमंत्री राहत कोष में अनुदान देने का आग्रह किया गया था। लेकिन उस समय कुछ एक मंदिरों ने छोड़कर इसका विरोध किया था। कांगड़ा के बज्रेश्वरी मंदिर न्यास ने भी उस समय पैसे देने से इंकार किया था। लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि मंदिर न्यास के कुछ सदस्य मूल रूप से बीजेपी के सपोटर्स हैं जिसके चलते ये दबाव बनाया गया और मंगलवार को इक्टठा होकर 1 करोड़ की राशि को मंजूरी दी गई।

क्या फंड मार रही बीजेपी?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री राहत कोष इसलिए होता है ताकि किसी आपात स्थिति में किसी ग़रीब व्यक्ति या किसी तरह कोई मदद की जा सके। इसके लिए लोग खुद फंड्स देते हैं। 2017 में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने भी राहत कोष में राशि देने का आग्रह किया था, लेकिन ये राशि कहां इस्तेमाल हो रही है इसका कोई ब्यौरा नहीं दिया जाता…!!!

लिहाज़ा, जयराम सरकार में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने जरूरतमंद लोगों के लिए राहत कोष से आवेदन कर पैसे लेने की बात भी कही थी। लेकिन ये बातें सब हवा हवाई हो गई। समाचार फर्स्ट ने खुद कई दफा गरीब और असहाय लोगों की ख़बर ब्रेक कर उन्हें राहत कोष से मदद दिलाई है। कई दफा ऐसी वाक्ये सामने आए हैं जब प्रशासन औऱ नेता किसी की मदद करने के बजाए अनदेखी करते हैं। समाचार फर्स्ट ने कई दफा इन ख़बरों को प्रकाशित कर नेताओं की पोल खोली है।

ज्वालामुखी मंदिर न्यास भी तैयार

बताया जा रहा है शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर न्यास भी 1 करोड़ की राशि देने को तैयार है। जिला प्रशासन के आदेश देने से पहले मंदिर न्यास ने 1 करोड़ की राशि देने का निर्णय ले लिया था।