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लाहौल घाटी के लिए वरदान साबित हो रही अटल टनल, पर्यटन में आया भारी उछाल

पी. चंद |

समुद्र तल से करीब 10,000 फुट की ऊंचाई पर बनी अटल टनल रोहतांग लाहौल घाटी के लिए वरदान साबित हो रही है। लोगों का संपर्क देश-दुनिया से बाहर महीनों रहता है। अच्छी और बड़ी बात ये है कि अटल टनल से पर्यटन को भी पंख लगे हैं। लाहौल घाटी से विधायक और जयराम सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. राम लाल मार्कंडय ने कहा कि अटल टनल बनने से घाटी के पर्यटन में जबरदस्त उछाल आया है। उन्होंने कहा कि सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है लेकिन इसके बावजूद 3000 गाड़िया हर दिन रोहतांग से गुजर रही हैं और घाटी के लिए लोगों की आमदनी भी बढ़ रही है।

आपको बता दें कि पहले भारी बर्फबारी के चलते घाटी का देश-दुनिया से संपर्क टूट जाता था और बहुत इमरजेंसी में लोग हेलीकॉप्टर के जरिए ही घाटी से बाहर निकल पाते थे लेकिन लोग अब 12 महीने बिना किसी बाधा के आ-जा सकते हैं। सामरिक लिहाज से भी अटल टनल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है मनाली से लेह की दूरी भी 46 किलोमीटर कम हो गई है और पर्यटन अच्छा-खासा चलते से घाटी की तस्वीर के साथ-साथ लोगों की तकदीर भी बदल रही है।

अटल टनल पिछले साल अक्टूबर में लोगों के लिए समर्पित की गई थी। अब एक साल होने जा रहा हैऔर अटल टनल के परिणाम भी अच्छे आने लगे हैं। लोगों का व्यवसाय फल-फूल रहा है । घाटी में होटल और होम स्टे की संख्या बढ़ने लगी है। साहसिक खेलों को भी बढ़ावा मिल रहा है लेकिन विकास के साथ-साथ घाटी की प्राकृतिक खूबसूरती को बचाकर रखना भी लोगों के लिए चुनौती रहेगी।