<p>संधोल बस अड्डे में बनी 6 दुकानों के लिए धर्मपुर बस अड्डे पर मंगलवार को बुलाई गई नीलामी को निगम प्रबंधन ने बड़े नाटकीय ढंग से पहले अधितम बोली दाताओं को अलॉट कर दिया और फिर उसके बाद इसे रद्द कर दिया। रद्द करने के पीछे तर्क ये था कि मुख्य कार्यालय ने इसे रद्द करने को कहा है। क्योंकि इन दुकानों से मिलने वाले राजस्व का लक्ष्य पूरे नहीं हो पाए। जो कि कम से कम 14 लाख रुपये प्रति दुकान था। लेकिन प्रबंधन ने ये बात पहले ही साफ साफ क्यूं नहीं बताई थी।</p>
<p>धर्मपुर में हुई इस नीलामी में संधोल में करीब 50 लोगों ने भाग लिया और बोली में 4 दुकानें 20 लाख रुपये में सुरेंद्र ठाकुर ने ली जबकि 6 लाख की बोली एक दुकान शेखर ने और एक दुकान की बोली 8 साढ़े 8 लाख की सुमन सकलानी को मिली। लेकिन अचानक से नाटकीय ढंग से सफल बोलीदाताओं को बजाए दुकानें मिलने के इन्हें इनके निरस्त होने की सूचना भी लगे हाथ मिल गई। जिसके बाद यहां खूब हो हल्ला और नारेबाजी हुई।</p>
<p>दरअसल, नीलामी से पहले ही लोगों में इसकी पारदर्शिता पर संदेह था। क्योंकि दस हजार से ज्यादा छोटी से छोटी नीलामी के लिए इश्तहार निकालने वाले परिवहन निगम ने पहले लाखों रुपये की इस नीलामी के लिए विज्ञापन क्यों नहीं जारी किया।</p>
<p>वहीं, संधोल सब डिपो के बजाये इतने लोगों को धर्मपुर में ही बुलाया गया जबकि नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने वाली कमेटी संधोल में अपने सब डिपो में भी इसे आयोजित कर सकती थी। वहीं धर्मपुर से खाली हाथ लौटे दर्जनों लोगों का कहना था कि जब प्रबंधन को ऐसा ही करना था तो नीलामी से पहले ही ये शर्त क्यों छुपाई गई कि हर दुकान का निर्धारित रेट क्या रहेगा।</p>
<p>वहीं, महज 10 वर्गमीटर की छोटी दुकानों के लिए 14 लाख से ऊपर ये दुकानें आगे होने वाली नीलामी में भी इसी दर पर जाएं इसकी भी अब गारंटी है। अब इस को लेकर 4 दुकानों को लेकर सुरेंद्र मंढोतरा ने अब कोर्ट में निगम के इस सारे प्रकरण को ले जाने का मन बना लिया है जिसके दो तीन दिन में निगम के खिलाफ केस दर्ज करवाएंगे। क्योंकि ये सारी प्रक्रिया ही संदेहास्पद रही है। ऐसे में इस सारी प्रक्रिया के बीच हो हल्ला होना लाजिमी ही था।</p>
<p>मंडलीय प्रबंधक परिवहन निगम अमरनाथ सलूरिया ने कहा कि निगम प्रबंधन को ये हक है कि अगर सही लक्ष्य का राजस्व न मिलने पर नीलामी को दोबारा करवा सकता है। मौजूद नीलामी को शिमला मुख्य कार्यालय मंजूरी को भेजा है। अगर मंजूर नहीं हुआ तो दोबारा नीलामी की जाएगी।</p>
<p>वहीं, सेवा विकास कल्याण समिति संधोल के अध्यक्ष मान सिंह ने कहा कि यह दुकानें राजनीतिक रसूख वाले लोगों को रेवडिय़ों की तरह बांटने की तैयारी थी। तभी निगम ने इसका न तो विज्ञापन निकाला और न ही न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया और पूरी प्रक्रिया चुपचाप धर्मपुर में करवाने का फैसला लिया जो लोगों के साथ बहुत बड़ा छल है।</p>
Bareilly GPS Navigation Acciden: बरेली में एक दर्दनाक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत…
NCC Raising Day Blood Donation Camp: एनसीसी एयर विंग और आर्मी विंग ने रविवार को…
Sundernagar Polytechnic Alumni Meet: मंडी जिले के सुंदरनगर स्थित राजकीय बहुतकनीकी संस्थान में रविवार को…
Himachal Cooperative Sector Development: मंडी जिले के तरोट गांव में आयोजित हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी…
NSS Camp Day 6 Highlights.: धर्मशाला के राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में चल रहे…
Bhota Hospital Land Transfer: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार राधास्वामी सत्संग व्यास अस्पताल भोटा की…