शिमला: हिमाचल प्रदेश में 30 लाख से भी ज्यादा महिलाएं हैं और विधानसभा भवन में उन सभी के प्रतिनिधित्व की ज़िम्मेदारी मात्र एक महिला विधायक पर. ऐसे में इस बात से असहज बाल विधायिका और श्री रेणुका जी विधानसभा से चयनित विधानसभा सदस्य कशिश ने नियम 324 के तहत सरकार को नसीहत दी.
उन्होंने अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान बाल उप-सभापति राघव कल्ला के माध्यम से सदन को बताया कि- पंचायती स्तर पर महिलाओं को मिला आरक्षण मृगतृष्णा सामान है. यह महिला सशक्तिकरण के नाम पर ढोंग मात्र है, ऐसे में सरकार को राजनीति में महिलाओं को आगे लाने का प्रयास करना आवश्यक है. उन्होंने अपने उद्बोधन में यह भी कहा कि अगर लोकतंत्र इस देश की आधी आबादी को अपने अधिकार और पूर्ण सहभागिता दिलाने में असफल है तू ऐसा लोकतंत्र महिला दृष्टि से स्वीकार्य नहीं है.
डिजिटल बाल मेला कि फाउंडर जान्हवी शर्मा ने बताया कि 12 जून को हुए इस विशेष बाल सत्र में 68 में से 40 महिला बाल विधायक थी, जो यह प्रमाणित करता है की महिलाएं राजनीति में कितनी दिलचस्पी रखती है और इसमें आने के लिए कितनी आतुर है.