सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंको के निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स की ओर से 16 और 17 दिसंबर को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया गया है। यूनियन का आरोप है कि केंद्र सरकार बैंकों का निजीकरण कर पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने की साजिश रच रही है। सरकार के निजीकरण की मंशा के विरोध में बैंककर्मी दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं।
सयोंजक नरेंद्र शर्मा ने शिमला में बताया कि हाल ही में केंद्र सरकार बैंकिंग रेगुलेशन बिल को शीतकालीन सत्र में लेकर आई है जिससे सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से कम रह जायेगी। इसका साफ मतलब निजीकरण को बढ़ावा देना। देश की आर्थिकी को मजबूत करने में सरकारी बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बैंकों का निजीकरण हरगिज बर्दास्त नहीं किया जाएगा। इसके खिलाफ दो दिन की हड़ताल की जा रही है और आगे भी लड़ाई लड़ी जाएगी।
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