किसी भी राज्य की आर्थिक उन्नति के लिए सुचारू एवं सुरक्षित परिवहन सुविधाओं की अहम भूमिका रहती है. वस्तुओं के वितरण एवं सेवाओं के सुचारू कार्यान्वयन के लिए सड़क नेटवर्क का सुदृढ़ होना आवश्यक है.
राज्य के प्रत्येक क्षेत्र की विकास क्षमता का उपयोग करके संतुलित और समान विकास को गति प्रदान की जा सकती है. इसी दिशा में प्रदेश सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों और फोरलेन के मुद्दों को निरंतर केंद्र सरकार के समक्ष उठा रही है.
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू बेहतर परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए प्रदेश में सम्पर्क मार्गों निर्मित करने और इनके सुदृढ़ीकरण की दिशा में कार्य करने के साथ ‘ग्रीन कॉरिडोर’ राजमार्गों की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में क्रियान्वित की जा रही बड़ी फोरलेन परियोजनाएं विशेषकर कीरतपुर से मनाली फोरलेन पर बेहतर यातायात व्यवस्था एवं सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तीन नए ट्रैफिक-कम-टूरिस्ट पुलिस स्टेशन (यातायात-सह पर्यटक पुलिस थाना) स्थापित करने के निर्देश दिए हैं. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और प्रदेश पुलिस के समन्वय से कुशल यातायात प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया गया है. इसके तहत सीसीटीवी कैमरा, वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम, वैरिएबल मैसेज साईन, स्वचालित यातायात पटल सह वर्गक, सड़क किनारे एवं ओवरहैड वाहन गति को दर्शाते डिस्प्ले पटल, ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी सहित आपात सहायता कॉल बॉक्स भी स्थापित किए जा रहे हैं.
उन्होंने गति सीमा से संबंधित डिस्प्ले पटल की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए. साथ ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से एकीकृत कमांड केंद्र के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने का आग्रह भी किया है.
इसके अलावा, परिवहन विभाग में स्थापित सड़क सुरक्षा सेल, सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने वाले यात्रियों के लिए वरदान साबित हुआ है. ब्लैक स्पॉट में सुधार के लिए कई उपाय किए गए हैं. प्रदेश में चिन्हित 147 ब्लैक स्पॉट में से अब तक लगभग 117 में सुधार किया जा चुका है और शेष 30 ऐसे स्पॉट को दुरुस्त करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
सोलन जिला के बद्दी में निरीक्षण और प्रमाणीकरण केन्द्र के लिए 16 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं. ताकि प्रदेश में यांत्रिक रूप से पूरी तरह ठीक वाहन संचालित हों. पर्यटक केन्द्रित राज्य होने के दृष्टिगत यह देखा गया है कि अन्य राज्यों से कई निजी बसें बिना कर चुकाए और उचित पंजीकरण के अनाधिकृत तरीके से संचालित होती हैं.
इससे ना केवल राज्य के राजस्व को भारी नुकसान होता है. बल्कि यह राज्य के वैध बस संचालकों को नुकसान पहुंचाते हैं. राज्य सरकार ने ऐसी बसों का चालान करने के लिए एक कानूनी तंत्र तैयार किया है. मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर को और अधिक शक्तियां प्रदान करते हुए अब उन्हें नियमों की अवहेलना करने वाले वाहनों का चालान करने के लिए अधिकृत किया गया है.
Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…
High Court decision Himachal hotels: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राज्य सरकार और पर्यटन विकास निगम…
NCC Day Dharamshala College: धर्मशाला स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जीपीजीसी) में एनसीसी दिवस के उपलक्ष्य…
Kunzum Pass closed: हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले को जोड़ने वाला कुंजम दर्रा…
Rahul Gandhi in Shimla: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी…
Mother murders children in Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर थाना क्षेत्र…