हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना बंद कर दी है. यह उन नेताओं के लिए हैं, जो आपातकाल के दौरान जेल गए थे. पूर्व की जयराम सरकार ने प्रदेश के 700 के करीब नेताओं को पेंशन देने के लिए लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना शुरू की थी.
प्रदेश की सुक्खूविंदर सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में इसे बंद करने का फैसला लिया है. विपक्ष ने इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व में मंत्री रहे सुरेश भारद्वाज ने कांग्रेस पार्टी को लोकतंत्र की हत्या करने वाली पार्टी बताया है.
सुरेश भारद्वाज ने कहा है कि कांग्रेस हिंदुस्तान में लोकतंत्र की हत्या करने वाली संस्था हैं. 1975 में देश में इमरजेंसी लगाकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटा था. हजारों लोगों को जेलों में डाला गया। देश की कई सरकारों ने लोकतंत्र प्रहरी कानून बनाए हैं.
हिमाचल में भी लोकतंत्र प्रहरी कानून बनाया गया था जब यह कानून बना तो कांग्रेस ने इसका कोई विरोध नहीं किया. लेकिन अब जनता का ध्यान गारंटियों से हटाने के लिए इस तरह के काम सरकार कर रही है.
कांग्रेस ने लोकतंत्र को खत्म करने का काम किया है कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भी दस जनपद के रहमो करम पर है. कांग्रेस पार्टी के अंदर भी लोकतंत्र नहीं बचा है. लोकतंत्र प्रहरी अधिनियम को समाप्त करना कांग्रेस का लोकतंत्र विरोधी काम है.
पूर्व की जयराम सरकार योजना के तहत इन लोगों को 12 से 20 हजार रुपए की पेंशन दे रही थी. 15 दिन जेल में रहे नेताओं को 12 हजार और इससे ज्यादा दिनों तक जेल में रहने वाले नेताओं को 20 हजार पेंशन दी जा रही थी.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने पूर्व की भाजपा सरकार की इस योजना को बंद करने का फैसला लिया.