शिमला: एपीएमसी शिमला के चेयरमैन नरेश शर्मा एवं चेतन बरागटा ने सयुंक्त बयान में बताया कि सभी बागवानों के हितों को ध्यान में रखते हुए तथा उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देशानुसार मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रगतिशील बागवानों के साथ आज सचिवालय बैठक आयोजित की गई. भाजपा नेताओं ने कहा कि इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा को भी बुलाया गया था परन्तु उनका कोई भी सदस्य बैठक में उपस्थित नहीं हुआ और कहा कि ये बागवानों के हितैशी नहीं केवल पाखंड करते है. भाजपा सरकार ने किसानों का हितैशी होने का प्रमाण दिया है.
भाजपा नेताओं ने कहा कि आज की बैठक में बागवानों के हितों और सेब की फसल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. सरकार ने सेब मण्डी मध्यस्थता योजना के अंतर्गत वर्ष 2021 में प्रापण किये गए सेब की लम्बित राशि मु0 8.59 करोड़ जिसमें मु0 4.15 करोड़ एचपीएमसी और 4.45 करोड़ हिमफैड को दिनांक 30.7.2022 को जारी कर दिए हैं व प्रापण संस्थाओं एचपीएमसी और हिमफैड को आदेश दिए हैं कि वे बागवानों की लम्बित राशि नगद में एक सप्ताह के भीतर जारी करना सुनिश्चित किया जाएगा.
उन्होनें कहा कि बागवानी नीति में बदलाव करते हुए सरकार ने गत वर्षों की भांति विभिन्न प्रकार के कीटनाशकों के उपदान की पुरानी योजना पुनः लागू कर दी है जिसके अनुसार यह सारी वस्तुएं उद्यान विभाग के केन्द्रों के माध्यम से उपलब्ध होगी. बागवानों से सम्बन्धित उपकरण, एंटीहेलनेट तथा अन्य सम्बन्धित उपकरणों की आदयगी हेतु प्रदेश सरकार द्वारा उद्यान विभाग को 20 करोड़ रूपये जारी कर दिए हैं जिसे सम्बन्धित जिलों को आवंटित कर दिया गया है. जैसे ही इस बजट का व्यय कर लिया जाएगा तत्पश्चात तुरंत अतिरिक्त बजट के बावधान करने की व्यवस्था कर दी जाएगी.
उन्होनें कहा कि प्रदेश में सभी बागवानों को 1 अप्रैल 2022 के बाद एचपीएमसी या खुले बाजार से सेब कार्टन एवं ट्रे क्रय करने पर उन्हें वस्तु एवं सेवा कर (GST) का 6% उपदान प्रदान किया जाएगा. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 6% (GST) का लाभ/उपदान सीधा बागवान के खाते में 15 दिनों के अंदर जमा किया जाएगा.