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आपातकाल की बरसी पर बीजेपी का काला दिवस, फिर निशाने पर आई कांग्रेस

25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी. करीब 21 महीने तक देश में आपातकाल लगा रहा।

डेस्क |

25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी. करीब 21 महीने तक देश में आपातकाल लगा रहा। इस दौरान कई नेताओं की गिरफ्तारी हुई. वहीं प्रेस की स्वतंत्रता भी छीन ली गई थी. इसके बाद इमरजेंसी को एक काले अध्याय के रूप में याद किया जाता है. बीजेपी आज भी इसे काला दिवस के रूप में मना रही है। शिमला में उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर कार्यक्रम का आयोजन किया.

इस मौके पर भाजपा नेता गणेश दत्त ने कहा कि 25 जून भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस माना जाता है. उन्होंने कहा कि 1975 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाया गया था और लोकतंत्र की आवाज को कांग्रेस पार्टी ने कुचल दिया था. हमारे कई कार्यकर्ताओं को मीसा के तहत जेल में डाल दिया गया, मीडिया को सेंसर कर दिया गया और हमारे नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए थे. आपातकाल 21 महीने तक चला था. आज की पीढ़ी को इस काले इतिहास को जानना आवशयक हैं.

उधर, हमीरपुर में भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश भाजपा मीडिया सह प्रभारी नरेंद्र अत्री ने कहा हमीरपुर 25 जून 1975 भारतीय इतिहास का वह काला दिन, जिसको कोई भी भारतीय भूल नहीं सकता और ना ही भूलना चाहिए.

नरेंद्र अत्री ने कहा कि 25 जून 1975 का दिन उस समय की देश के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस की दमनकारी नीतियों का गवाह हैं. जब कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ वह अहंकार में देश पर आपातकाल ठोप दिया और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर उसका अपमान किया. कांग्रेस ने उस दमनकारी आपातकाल के निर्णय को भूल चुकी है. जिसमें कांग्रेस ने कांग्रेस के दमनकारी निर्णयों का विरोध करने वाले 1,40,000 से ज्यादा सत्याग्रहियो इन विपक्षियों और आम नागरिकों को रातों-रात जेल भेज दिया था। मीडिया प्रेस की आजादी खत्म कर दी थी.