आपदा में कहां गुम थे भाजपा नेता : कांग्रेस
आपदा में प्रभावितों के साथ खड़ा न होना भाजपा की उपलब्धिः कांग्रेस
सातवें राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष नंद लाल व मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा ने भाजपा से पूछा है कि वह आपदा में अपना योगदान प्रदेश की जनता को बताए। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश के लोग मुश्किल वक्त से जूझ रहे थे, तो भाजपा नेता कहां गुम थे।
आपदा के दौरान पहले भाजपा नेता विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करते रहे और हिमाचल की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव विधानसभा में आया तो भाजपा का कोई भी विधायक प्रभावितों के साथ खड़ा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि आपदा में हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ खड़ा न होना, भाजपा की सबसे बड़ी उपलब्धि थी। यही नहीं, प्रदेश के भाजपा नेता केंद्र सरकार से मिलने वाली आर्थिक सहायता में रोड़े लटकाते रहे।
नंद लाल और मोहन लाल ब्राक्टा ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने आपदा प्रभावितों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए अपना ख़ज़ाना खोल दिया और अपने सीमित संसाधनों से 4500 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज दिया। उन्होंने कहा कि असहायों का दर्द समझते हुए राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए नियमों में बदलाव किया। बिना केंद्र सरकार की सहायता के प्रदेश सरकार ने पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकान की सहायता राशि को 1.50 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रूपये किया।
इसके अतिरिक्त बिजली-पानी का कनेक्शन राज्य सरकार फ्री प्रदान कर रही है और घर निर्माण के लिए सीमेंट भी सरकारी दरों पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अलावा कच्चे व पक्के मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले राज्य सरकार ने मुआवजे को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। उन्होंने ने कहा कि दुकान या ढाबा के नुकसान पर मिलने वाले मुआवजे को 25 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है।
गऊशाला को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 3 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसके अतिरिक्त दुधारू पशुओं की क्षति पर मुआवज़े को बढ़ाकर 55 हजार, जबकि भेड़, बकरी की मृत्यु पर मिलने वाली मुआवजा राशि को बढ़ाकर 6000 रुपये किया गया है।
नंद लाल और मोहन लाल ब्राक्टा राज्य सरकार ने आपदा के दौरान सेब बाग़बानों का एक-एक सेब मंडियों तक पहुँचाया। आपदा में जगह-जगह सड़कें टूटी हुईं थी और सेब को बाज़ार तक पहुँचाना चुनौती थी, लेकिन राज्य सरकार के प्रयासों से किसी भी बागवान को आर्थिक नुकसान नहीं झेलना पड़ा।
उन्होंने कहा कि यह प्रयास मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और वर्तमान प्रदेश सरकार की की संवेदनशीलता को दर्शाते हैं। मुख्यमंत्री ने एक-एक प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और राहत एवं बचाव कार्यों को गति प्रदान की, जबकि भाजपा नेता केवल मात्र राजनीति करते रहे।