एसडीएम डॉ हरीश गज्जू ने कहा कि खंड स्तर पर ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’’ अभियान को मिशन मोड पर चलाया गया है। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में सुधार लाने और 0 से 6 साल तक की शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी की सक्रिय भागीदारी तथा समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। वे आज यहां ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ,’’ ‘‘पोषण अभियान’’ और ‘‘सशक्त महिला योजना’’ के कार्यान्वयन के संदर्भ में आयोजित खंड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
गज्जू ने कहा कि बेटे और बेटियों के बीच भेदभाव की मानसिकता में सकारात्मक बदलाव लाना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि खंड स्तर में लैंगिक असंतुलन को दूर करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता से कार्य करने के साथ-साथ लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों को लेकर भी जागरूकता पर बल दिया गया है। उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’’ अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सभी सदस्यों से पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने का आह्वान किया।
उन्होंने अभियान की सफलता के लिए ग्राम स्तर पर लोगों को इसमें शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत धर्मशाला ब्लॉक की सभी 22 पंचायतो में गुड्डा-गुड्डी बोर्ड लगाए गये हैं। इसके अतिरिक्त एक बूटा बेटी के नाम योजना के तहत गत तीन वर्षों में 1268 विभिन्न किस्मों के पौधे वितरित किये गये और जन्म लेने वाली बेटी के नाम पर लगाए गये। उन्होंने बताया कि हर माह की 25 तारीख को बालिका दिवस मनाया जाता है जिसमें अभिभावकों को सम्मानित कर उपायुक्त द्वारा हस्ताक्षरित शुभकामना संदेश दिया जाता है। योजना के तहत खंड स्तर पर जिन बच्चियों ने अपने क्षेत्र में मुकाम हासिल किया है, के होर्डिंग्स लगाये गये हैं।
इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों ने लोगों की सोच में सकारात्मक बदलाव लाने तथा बेटा-बेटी में भेदभाव की मानसिकता को दूर करने हेतु अपने सुझाव दिए। इस दौरान पोषण अभियान तथा सशक्त महिला योजना पर विस्तार से चर्चा की गई। एसडीएम ने सीडीपीओ कार्यालय द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति पर संतोष प्रकट किया। उन्होंने विभाग को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए तत्परता से कार्य करने के दिशा-निर्देश दिये।