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10वीं और 12वीं की कंपार्टमेंट परीक्षा की आवेदन फीस को 2450 से घटाकर 450 करे शिक्षा बोर्ड: ABVP

<p>एबीवीपी ने 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों से ली जा रही 2450 कंपार्टमेंट परीक्षा फीस का विरोध किया है। एबीवीपी ने कहा कि शिक्षा बार्डे और स्कूल प्रबंधन की लेटलतीफी का खामियाजा स्कूल विद्यर्थियों को भुगतना पड़ रहा है। शिक्षा बार्डे ने छात्रों से कंपार्टमेटं भरने के ऑनलाइन आवदेन तो मागे लेकिन उसका गटेवे लिंक स्कूल प्रबंधन को नहीं दिया, जिसके चलते छात्र अपने पपेरों का आवदेन नहीं कर पाए। जब गटेवे लिंक खुला ते उसमें एक पेपर की फीस 450 रुपये की जगह 2450 रुपेय हो गई है।</p>

<p>अब शिक्षा बोर्ड अपना पल्ला यह बाले कर झाड़ रहा है कि हमने पहले आवेदन करने का मौका दिया था, अब छात्रों को लेट फीस के साथ ही आवदेन देने होगें। शिक्षा बार्डे द्वारा अपनी गलती का ठीकरा स्कूलों के विद्यार्थियों के सिर पर थापेना बिल्कुल भी सही नहीं है। एबीवीपी ने शिक्षा बोर्ड से मांग की है कि इस बढ़ी हुई फीस को कम करके 450 रुपये करे और जिन विद्यार्थियों से 2450 रुपये फीस ली गई है उसे वापिस करे। विद्यार्थी परिषद् शिक्षा बार्डे को चतेावनी दी है कि अगर शिक्षा बार्डे सामेवार तक छात्रों से ली जा रही कंपार्टमेटं परीक्षा फीस को 2450 रुपये से घटाकर 450 रुपये नहीं करता है, तो विद्यार्थी परिषद् समस्त छात्रों को लामबदं कर प्रदेश भर में शिक्षा बार्डे के खिलाफ आंदोलन का आगाज करेगी।</p>

<p>इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अटल स्कूल वर्दी याजेना के अंतर्गत स्कूल के विद्यार्थियों को दी गई वर्दी बेहद घटिया क्वालिटी की है। दो वर्ष के अंतराल के बाद भी विद्यार्थियों को ऐसी घटिया वर्दी देने का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कड़ा विरोध किया है। इससे पूर्व सरकार ने भी विद्यार्थियों को घटिया वर्दी की सप्लाई की थी जिसके बाद उस वक्त ठेकेदार को पनेल्टी लगाई गई थी लेकिन विद्यार्थी परिषद का मानना है कि इस प्रकार की पनेल्टी से विद्यार्थियों की को दी गई घटिया वर्दी अच्छी नहीं हो जाती और इस तरह की वर्दी की आपूर्ति&nbsp; में कहीं न कहीं घोटाले की बू सामने नजर आती है।</p>

<p>केवल वर्दी ही नहीं बल्कि विद्यार्थियों को दिए जा रहे स्कूल बैग की क्वालिटी भी घटिया है और सभी जगह से एसेी ही शिकायतें आई हैं। एक ही साइज के बैग सभी कक्षाओं को दिए जा रहे हैं जिनमें विद्यार्थियों की पाठ्यपुस्तकें भी पूरी नहीं आ रही हैं और यह बैग मात्र शो पीस बनकर रह गए हैं। एक तरफ सरकार शिक्षा में गुणवत्ता की बात करती है और दूसरी आरे सरकार द्वारा दी जा रही इन वर्दी और बैगों की घटिया सप्लाई ने इन्हीं की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। विद्यार्थी परिषद ने मांग कि है कि इस पूरे प्रकरण की जांच तय समय में की जाए और दोषियों पर कठारे कार्रवाई की जाए।&nbsp; &nbsp;<br />
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