डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि हमीरपुर जिला में रेड जोन से आने वाले लोगों की समूह जांच कर नमूने लिए जा रहे हैं। अभी तक प्रत्येक छठे व्यक्ति का नमूना जांच हेतु भेजा जा रहा है और अब प्रत्येक तीसरे व्यक्ति का नमूना लेने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि 25 अप्रैल, 2020 के उपरांत 12 मई, 2020 तक जिला में बाहरी राज्यों से 15 हजार से अधिक लोग पहुंचे हैं और इनमें से लगभग 10 हजार लोग रेड जोन से आए हैं। होम क्वारंटाइन में रह रहे इन व्यक्तियों की ग्रुप सैंपलिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए जिला में विशेष एक्टिव केस फांइडिंग अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आए लगभग 4500 लोग गृह-संगरोध की अवधि पूर्ण कर चुके हैं। ऐसे सभी लोगों को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा पूर्ण चिकित्सा जांच के उपरांत संगरोध अवधि पूर्ण करने संबंधी प्रमाण पत्र दिया जाएगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे 14 दिन के उपरांत भी तभी घर से बाहर निकलें जब उन्हें यह प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाए।
डीसी ने बताया कि अभी भी लगभग 7500 लोगों ने हमीरपुर जिला में आने के लिए पंजीकरण करवाया है। प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुरूप रेड जोन से आने वाले सभी लोगों को अनिवार्य रूप से संस्थागत संगरोध केंद्रों में ही 14 दिनों तक संगरोध रहना होगा। छठे या सातवें दिन इनके नमूने जांच के लिए भेजे जाएंगे। अगर नमूनों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो संबंधित व्यक्ति शेष क्वारंटाइन अवधि कड़े होम क्वारंटाइन में बिता सकेगा अन्यथा उसे आइसोलेशन सुविधा स्थल भेजा जाएगा। होम क्वारंटाइन में भी उन्हें परिवार से पूरी तरह से अलग रहना होगा। उल्लंघना करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हरिकेश मीणा ने कहा कि जिला में संस्थागत संगरोध के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। लगभग छह हजार क्षमता के क्वारंटाइन केंद्र पंचायतों एवं विभिन्न स्थानों पर चिह्नित किए गए हैं। संस्थागत क्वारंटाइन केंद्र में नोडल अधिकारी और छह पंचायतों पर एक सेक्टर मेजिस्ट्रेट रखा गया है। उन्होंने कहा कि जिला के बैरियर पर ही बाहर से आए लोगों को जरूरी जानकारी सांझा करनी होगी। रेड जोन से आए लोगों को नाके पर ही संस्थागत क्वारंटाइन केंद्र के बारे में जानकारी देकर संबंधित नोडल अधिकारी को भी सूचना भेज दी जाएगी।