प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने कहा कि बारिश के बाद आई बाढ़ और भूस्खलन की वजह से प्रदेश में भारी तबाही हुई है। खासकर मंडी और कुल्लू जिलों में पुल, लोगों के रिहायशी मकानध्वस्त होने की वजह से कई लोगों की मौत हो गई है तो कई अभी भी लापता हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसी त्रासदी कई सालों के बाद हुई है। मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए कौल सिंह ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर निशाना साधते हुए कहा कि इस आपदा की घड़ी में भाजपा और जयराम ठाकुर राजनीति करने के बजाय प्रदेश सरकार का सहयोग करे।
हालांकि, प्रदेश सरकार अपने सीमित साधनों के चलते बाढ़ प्रभावितों की हर संभव मदद कर रही है।कौल सिंह ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से मांग करती है कि हिमाचल को विशेष पैकेज प्रदान किया जाए।
कौल सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर भी आपदा के वक्त राजनीति न कर सरकार का सहयोग करें और केंद्र में बीजेपी की सरकार से मदद मांगने में सहयोग करें। कौल सिंह ने कहा कि जयराम ठाकुर इस बाढ़ के दौरान प्रदेश सरकार पर सराज की अनदेखी का आरोप लगाते रहे। जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं सराज के थुनाग में गए और बाढ़ प्रभावितों को दस हजार की जगह एक-एक लाख रूपए फौरी राहत देने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा राहत राशि सराज में बांटी गई है। कौल सिंह ने कहा कि सराज में यह आपदा प्राकृतिक के साथ-साथ मानवकृत आपदा थी। उन्होंने सवाल किया कि जयराम बताए कि थुनाग में भारी मात्रा में लकड़ी काट कर मलबे के नीचे किसने दबाई थी। जिसकी वजह से भारी तबाही हुई है। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
सराज में कितनी सडक़ें बिना एफआरए की मंजूरी के बनाई गई है। कितने पेड़ काटकर नालों में पैंके गए और उन पर मलबा फैंका गया, यह भी इस जांच का हिस्सा होना चाहिए। कौल सिंह ने कहा कि जयराम ठाकुर भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं। जबकि सबसे ज्यादा साठ लाख रूपए की राहत सराज में बांटी गई है।
उन्हों यह भी कहा कि जयराम ठाकुर कहते हैं कि ब्यूरोक्रसी वर्तमान प्रदेश सरकार से दुखी है और अधिकारी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाना चाहते हैं। कौल सिंह ने कहा कि प्रदेश की ब्यूरो क्रेसी ईमानदारी से काम करती है।
केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर प्रदेश सरकार की अनुमति से ही अधिकारी जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री रहते हुए सबसे अधिक सात मुख्य सचिव बदले हैं। वहीं पर जयराम सबसे अधिक खर्चीले मुख्यमंत्री रहे हैं। जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री रहते हुए प्रदेश को कर्जे के बोझ तले दबाते हुए कर्ज 46 हजार करोड़ से बढ़ाकर 75 हजार करोड़ तक पहुंचा दिया ।
उन्होंने कहा कि भारी बारिश की वजह से आई आपदा में प्रदेश में 168 लोगों की मौतें हुई है और 652 घर ध्वस्त हुए हैं, 6686 मकान और 2037 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई है। अकेले मंडी जिला में 433.76 करोड़ का नुक्सान हुआ है।
जबकि मंडी में कुल 13 लोगों की मौत, 70 मकान ध्वस्त ,371 मकान क्षतिग्रस्त और 249 गौशलय, 171 दुकानें 20 पशुओं की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि प्रशासन से प्राप्त ताजा आंकड़ों के अनुसार मंडी जिला में लोकनिर्माण विभाग को 185.59 करोड़,जलशक्ति विभाग को 193.4 करोड़, बिजली बोर्ड को 3 करोड़, उद्यान विभाग को 6.74 करोड़ तथा कृषि विभग को 26.5 करोड़ तथा नगर निगम 71.70 करोड़ , स्वस्थ विभाग में 1.36 करोड़ का नुक्सान हुआ है। इस मौके पर पूर्व मंत्री व जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश चौधरी, पूर्व संसदीय सचिव सोहन लाल ठाकुर चेतराम ठाकुर ,चंपा ठाकुर शामिल रहे।