सेंट्रल यूनिवर्सिटी को लेकर विवाद जारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 27 तारीख को होने वाला दौरा अगर सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा था तो वह सेंट्रल यूनिवर्सिटी के शिलान्यास को लेकर माना जा रहा था। क्योंकि पिछले लंबे समय से यूनिवर्सिटी के कैंपस को लेकर विवाद चल रहा था और अब निर्णायक मोड़ पर आने के बाद एक बार फिर इसका शिलान्यास किन्हीं कारणों के चलते रोक दिया गया है।
बताते चलें कि राजनीतिक द्वेष के चलते पिछली कांग्रेस सरकार ने भी इसका शिलान्यास नहीं होने दिया था और अब एक बार फिर इसे राजनीतिक रूप से ही देखा जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि किसी भी कैंपस के बनने से पहले या शिलान्यास से पहले उसके काम का टेंडर होना जरूरी होता है और इसी के चलते इसका शिलान्यास रोक दिया गया है। क्योंकि इसके काम का टेंडर अभी नहीं हुआ है लेकिन अगर इसको दूसरे पहलू में देखा जाए तो बिलासपुर में बनने वाले एम्स और हमीरपुर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज के काम का टेंडर भी शिलान्यास करने के बाद ही हुए हैं तो सेंट्रल यूनिवर्सिटी के शिलान्यास को लेकर ही यह कंडीशन सरकार ने क्यों लगाई? हालांकि, मुख्यमंत्री खुद शिलान्यास के लिए मना कर चुके हैं।
वहीं, सांसद अनुराग ठाकुर जिनको शिलान्यास का सबसे अधिक लाभ होना था वह भी मायूस नजर आ रहे हैं और कुछ भी बोलने से पीछे हट रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह निर्णय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर करेंगे। देहरा से विधायक होशियार सिंह बताते हैं कि सिर्फ टेंडर की प्रक्रिया नहीं होने को लेकर ही इस शिलान्यास को डाल दिया गया है जो कि बिल्कुल गलत है और पिछले 9 साल से देहरा के लोगों के साथ हो रही नाइंसाफी को लेकर सरकार अभी भी संजीदा नहीं है। वही, स्थानीय लोग कहते हैं कि अगर शिलान्यास नहीं हुआ तो देहरा में एक आंदोलन छिड़ सकता है जिसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है।