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चंबा: जान हथेली में रखकर पुल पार करने को मजबूर लोग, विभाग कर रहा अनदेखी

मृत्युंजय पुरी, चंबा |

चंबा जिला के विकासखंड सलूणी के सक्रयाणा गांव के पास त्रिभोल पुल की हालत इतनी खस्ता है यह पुल कभी भी गिर सकता है। यहां आस-पास के लोग रोजाना इसी मौत के पुल से पैदल अपना सफर शुरू करते हैं। पुल की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि वो जगह-जगह से टूट चुका है। इसके फर्श पर लगे लकड़ी के तख्ते जगह जगह  से सड़ चुके हैं। पुल पर लगी लोहे की ट्रेन पूरी तरह से जंग खा चुकी हैं। बावजूद इसके सरकार और विभाग को यह सब कुछ नहीं दिखाई दे रहा।

लकड़ी के इस पुल से रोज सैकड़ों लोग और उनके मवेशी पुल के आर-पार जाते हैं। जब इस मौत के पुल से लोग गुजरते हैं तो यह पूरी तरह झूले की तरह हिलता है और हमेशा ही इससे निचे नदी में गिरने का खतरा बना रहता है। इस पुल की हालत इतनी खराब है कि जगह-जगह से इसके लकड़ी के तख्ते टूटने की वजह से यहां कई मवेशी नदी में गिर कर मर चुके हैं। कई लोग भी इस पुल से गिरते-गिरते बचे हैं। रात के समय तो इस पुल से सफर करना और भी ज्यादा खतरनाक है। गांव के लोग कई बार विभाग और सरकार से इस पुल की मरम्मत के बारे में गुहार लगा चुके हैं। लेकिन किसी ने भी इन लोगों की सुध नहीं ली।

स्थानीय लोगों ने बताया कि सक्रयाणा गांव के पास त्रिभोल  पुल की हालत खस्ता हो चुकी है। जिसकी वजह से आना-जाना काफी मुश्किल हो गया है। उन्होंने बताया कि कई बार इस पुल से गिरकर उनके मवेशी मर भी चुके हैं। हमेशा ही यहां लोगों और बच्चों का गिरने का खतरा बना रहता है। लेकिन विभाग इस पुल की मुरम्मत के लिए नहीं सोच रहा।

लोगों ने बताया कि आस-पास के गांव के सभी लोगों का नदी पार करने यही एकमात्र रास्ता है। जिसकी हालत इतनी खराब है कि यह कभी भी टूट सकता है। लोगों ने विभाग और सरकार से आग्रह किया है कि इस पुल की मरम्मत जल्दी से करवाई जाये या फिर यहां पर एक सीमेंट का पुल बनाया जाए ताकि लोगों को किसी तरह का खतरा ना हो।