<p>चंबा जिला के सलूणी हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड मशीन न होने की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कई सालों से अल्ट्रासाउंड की मांग कर रहे लोगों को चेकअप करवाने के लिए 70 किलोमीटर दूर अधिक पैसे खर्च कर चंबा या पठानकोट जाना पड़ता है। वहां पर भी उन्हें निजी क्लिनिक जाकर टेस्ट करवाने पड़ते हैं। जिसकी वजह से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है। गर्भवती महिलाओं को अक्सर अल्ट्रासाउंड कराने के लिए डॉक्टर मशवरा देते हैं एेसे में उन्हें 2-3 हजार रुपये खर्च कर टैक्सी करके चंबा निजी क्लीनिक पर आकर टेस्ट करवाना पड़ता है।<br />
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सलूणी हॉस्पिटल में जहां एक तरफ अल्ट्रासाउंड मशीन की कमी खल रही है वहीं यहां डाक्टरों के पद रिक्त होने की वजह से भी लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। साथ ही सरकार द्वारा दी जाने वाली मुफ्त दवाइयां भी लोगों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। डॉक्टरों द्वारा मरीजों को प्राइवेट दुकानों से दवाइयां खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। हॉस्पिटल में मात्र एक या दो दवाइयां ही उपलब्ध हैं जिसकी वजह से लोगों को सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल रहा है।</p>
<p>स्थानीय लोगों का कहना है की सलूणी हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड न होने की वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए चंबा या पठानकोट जाना पड़ता है। जिसमें उन्हें काफी खर्च उठाना पड़ता है। साथ ही सरकार द्वारा दी जाने वाली फ्री स्वास्थ्य सेवाएं भी लोगो को नहीं मिल पा रही हैं। लोगों ने सरकार से आग्रह किया है कि हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड मशीन लगाई जाए और साथ ही जो सरकार द्वारा फ्री दवाइयां मिलती हैं वो भी लोगों को दी जाएं।</p>
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