हिमाचल प्रदेश सरकार के वर्ष 2023-24 बजट में बागवानों को निराशा हाथ लगी है। प्रेस में जारी विज्ञप्ति में भाजपा नेता चेतन बरागटा ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए यह बात कही की प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बजट के दौरान कांग्रेस के मेनिफेस्टो में बागवानों को दी गई गरेंटियों का कोई भी उल्लेख नहीं किया है। गौरतलब है कि चुनाव के समय सेब बागवानों को स्वयं अपने उत्पाद की कीमत तय करने की गारेंटी कांग्रेस मेनिफेस्टो में दी गयी थी। बागवान जानना चाहते हैं कि किस तरह बागवान अपने उत्पाद की कीमत स्वयं तय करे इस पर कांग्रेस सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुखु ने बजट में बागवानों को केंद्र सरकार द्वारा किसानों बागवानों के हितों का संरक्षण करने वाली योजना FPO का बजट सत्र में बार बार उल्लेख करके बागवानों को गुमराह करने का प्रयास किया है।जबकि यह केन्द्र सरकार की योजना है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2019 में FPO को अमलीजामा पहना चुके है। साथ ही साथ देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न मंचों से बागबानों को FPO के माध्यम से मिलने वाले लाभों के बारे में अपना वक्तवय दिया है। जिसके भविष्य में सार्थक परिणाम आएंगे। इसी कड़ी में ही हिमाचल प्रदेश के अंदर जिला शिमला की तहसील जुब्बल में सूबे के पहला FPO भी बन चुका है।
HPMC व हिम्फेड में मिलने वाला उत्पाद पहले तो किसानों बागवानों के लिए मुहैया कराया जाए उसके साथ साथ दामों पर भी नियंत्रण रखा जाए। इस तरह का प्रावधान बजट में किया जाना चाहिए था। जोकि नही किया गया। चेतन बरागटा ने कहा कि कुल मिलाकर प्रदेश कांग्रेस सरकार का यह बजट किसानों बागवानों को गुमराह करने वाला रहा।
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