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कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने की कवायद तेज, मुख्य सचिव ने लिया ब्योरा

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धर्मशाला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की घोषणा की अनुरूप कांगड़ा जिला को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने की कवायद तेज हो गई है। सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द मूर्त रूप देने के मकसद से मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना खुद कांगड़ा जिले के दौरा पर हैं। उन्होंने शनिवार को धर्मशाला में जिला प्रशासन तथा अन्य विभाग प्रमुखों के साथ बैठक कर प्रत्येक परियोजना का सिलसिलेवार ब्योरा तथा उनकी वस्तु स्थिति और प्रगति की समीक्षा करते हुए कार्यान्वयन को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल समेत विभिन्न विभागों के आला अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार कांगड़ा जिले के चहुंमुखी विकास पर जोर दे रही है। जिले को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए निर्णायक कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट होने के चलते इसे लेकर निर्धारित समय पर गंभीर प्रयास अपेक्षित हैं। साथ ही जिले में जनकल्याण की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की प्राथमिकता है कि सरकार के सभी फ्लैगशिप कार्यक्रमों का जिले में समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि कांगड़ा जिले का विकास एक मिसाल बने।
इन विकास परियोजनाओं-कार्यों की समीक्षा

प्रबोध सक्सेना ने बैठक में प्रमुख रूप से केंद्रीय विश्वविद्यालय की निर्माण गतिविधियों, कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार कार्य की प्रगति, धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कन्वेशन सेंटर की प्रस्तावित योजना, बनखंडी में बनने वाले जूलॉजिकल पार्क, नगरोटा बगवां में प्रस्तावित ओल्डेज वेलनेस रिजॉर्ट, नरघोटा में प्रस्तावित टूरिज्म विलेज, जिले में आइस स्केटिंग तथा रोलर स्केटिंग रिंक के प्रस्तावित निर्माण, परागपुर में बनने वाले गोल्फ कोर्स मैदान, जिले मे बन रहे तथा प्रस्तावित आईटी पार्क, गग्गल में प्रस्तावित एयरो सिटी, धर्मशाला में धौलाधार बायोडायवर्सिटी पार्क, हेलीपोर्ट निर्माण तथा पौंग में प्रस्तावित पर्यटन व साहसिक खेल गतिविधियों समेत अन्य विकास योजनाओं की वस्तु स्थिति और प्रगति की समीक्षा की।

130 करोड़ का अंतरराष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेंटर, जिले के साथ साथ प्रदेश के लिए होगा लाभकारी

मुख्य सचिव ने कहा कि धर्मशाला के सिद्धबाड़ी में प्रस्तावित 130 करोड़ रुपये का अंतरराष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेंटर कांगड़ा जिले के साथ साथ संपूर्ण प्रदेश के लिए लाभकारी होगा। इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इसका निर्माण भविष्योन्मुखी दृष्टि से हो। कॉंफ्रेेंस सिटी के तौर पर उभर रहे धर्मशाला में इस प्रकार का कन्वेंशन सेंटर नितांत जरूरी है, जहां राज्य के साथ साथ राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के महत्वपूर्ण सम्मेलनों, बैठकों तथा अन्य आयोजनों के लिए उपयुक्त सेमिनार हॉल, बैठक कक्ष तथा अन्य आवश्यक प्रबंधों के साथ के साथ साथ वाहन पार्किंग की बड़ी सुविधा हो।

बता दें, कन्वेंशन सेंटर के लिए सिद्धबाड़ी में 4 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। निर्माण को लेकर एशियन विकास बैंक (एडीबी) के प्रतिनिधि साईट निरीक्षण भी कर चुके हैं। मुख्य सचिव ने कन्वेंशन सेंटर के लेआउट प्लान को अंतिम रूप देने से पहले वर्तमान के साथ भविष्य की जरूरतों से जुड़े पहलुओं पर गहनता से गौर करने के निर्देश दिए।

पर्यटन विकास-जनकल्याण गतिविधियों के विविध आयाम

प्रबोध सक्सेना ने धर्मशाला के समीप नरघोटा में करीब 25 हेक्टेयर भूमि पर प्रस्तावित टूरिज्म विलेज के विकास को लेकर पर्यटन विभाग की परियोजना का ब्योरा लिया एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने सकोह में प्रस्तावित आइस स्केटिंग तथा रोलर स्केटिंग रिंक के निर्माण की दिशा में किए प्रयासों की जानकारी भी ली। सकोह में करीब 2 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है, जहां एडीबी के सहयोग से निर्माण कार्य किया जाना है।

उन्होंने परागपुर में गोल्फ कोर्स मैदान के निर्माण योजना की प्रगति की जानकारी ली। इसके लिए 12.50 हेक्टेयर सरकारी भूमि तथा साथ लगती करीब 16 हेक्टेयर निजी भूमि चिन्हित की गई है। नालदेहरा गोल्फ कोर्स मैदान से संबंधित विशेषज्ञों की समिति ने साईट निरीक्षण कर इसे निर्माण के लिए उपयुक्त बताया है।

मुख्य सचिव ने नगरोटा बगवां में प्रस्तावित ओल्डेज वेलनेस रिजॉर्ट परियोजना का ब्योरा भी लिया। इसके लिए 6 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है तथा भूमि हस्तांतरण व विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने गग्गल में प्रस्तावित एयरो सिटी परियोजना की जानकारी भी ली। जिला प्रशासन ने परियोजना के लिए 57.5 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की है। भारतीय एयरपोर्ट प्राधिकरण से अनुमति मिलने पर इसे लेकर आगे कार्य किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने चेतड़ू मे बन रहे आईटी पार्क के साथ साथ जिले में प्रस्तावित अन्य आईटी पार्क व वेलनेस सेंटर के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने धर्मशाला में प्रस्तावित धौलाधार बायोडायवर्सिटी पार्क के विकास को लेकर मार्गदर्शन के साथ साथ जिले मे हेलीपोर्ट निर्माण, विभिन्न स्थलों के सुंदरीकरण तथा पार्किंग निर्माण गतिविधियों का ब्योरा लिया तथा जरूरी दिशा निर्देश दिए। उन्होंने पौंग में पर्यटन व साहसिक खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने, पर्यटकों के आकर्षण के लिए शिकारा चलाने जैसी गतिविधियां तथा अन्य अवसर सृजित करने पर बल दिया।

केंद्रीय प्राधिकरण को भेजा है जूलॉजिकल पार्क का मास्टर ले आउट प्लान

प्रबोध सक्सेना ने बनखंडी में करीब 180 हेक्टेयर भूमि पर बन रहे जूलॉजिकल पार्क की प्रगति की समीक्षा की। परियोजना का ‘मास्टर ले आउट प्लान’ तैयार कर स्वीकृति के लिए केंद्रीय जूलॉजिकल प्राधिकरण को भेजा गया है।

बता दें, मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण में कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी बनाने की घोषणा के साथ ही 300 करोड़ रुपये से बनखंडी में चिडि़याघर (वृहद जूलॉजिकल पार्क) के निर्माण की बात कही थी। जूलॉजिकल पार्क के निर्माण का कार्य तीन चरण में किया जाएगा। इसमें पहले चरण में 60 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।

मुख्य सचिव ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण में राज्य सरकार की ओर से अपेक्षित कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने जल शक्ति विभाग तथा विद्युत बोर्ड के अधिकारियों को विश्वविद्यालय परिसर में बिजली-पानी की व्यवस्था से संबंधित कार्यों को 15 जून तक पूर्ण करने को कहा। केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने बताया कि अप्रैल 2024 तक देहरा में विश्वविद्यालय के 6 अकादमिक और प्रशासनिक ब्लॉक का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

बैठक में जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल ने मुख्य सचिव को जिले की विकास परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा उनके दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित बनाने का भरोसा दिया। बैठक में मुख्य वन संरक्षक देवराज कौशल, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौर, जिला पर्यटन अधिकारी विनय धीमान, एसडीएम धर्मशाला धर्मेेश रमोत्रा, सहायक आयुक्त सुभाष गौतम सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख उपस्थित रहे।