<p>जिला बिलासपुर में घुमारवीं उपमड़ल के तहत पड़ने वाली पंचायत लुहारवीं के गांव नैण में स्थानीय बच्चों<br />
ने पारंपरिक तरीके से लोहड़ी गाई। आज बेशक आधुनिकता के जमाने में त्यौहार और अपनी संस्कृति को लोग खोने लगे हैं। फिर भी हिमाचल में अभी कुछ गांव है जिनमें लोहड़ी के पर्व को बिल्कुल पौराणिक तरीक़े से गाया जा रहा है। लोहड़ी को जिस तरह से इन बच्चों ने गा कर प्रस्तुत किया गया है उससे आज के आधुनिकता के जमाने में पौराणिक गाथाओं की याद को ताजा कर दिया गया है।</p>
<p>नैण गांव के समाजसेवी मनीष ठाकुर ने कहा कि बच्चों के द्धारा इस तरह से लोहड़ी गा कर प्रस्तुत की गई जिससे गांव के लोगों मे भी खुशी है कि अभी भी बच्चों में अपनी संस्कृति को संजोए रखने के लिए दृढ़ संकल्प लिए लोगों को लोहड़ी गा कर सुना रहे हैं।</p>
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