समाचार फर्स्ट एजेंसी
Modi America visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ ‘बेहद सार्थक’ बैठक की और इस दौरान दोनों नेताओं ने आपसी हितों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया। मोदी अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं।
राष्ट्रपति बाइडेन ने शनिवार को डेलावेयर के ग्रीनविले स्थित अपने आवास पर उनका स्वागत किया और दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाया। इसके बाद बाइडेन मोदी का हाथ थामकर उन्हें आवास के अंदर ले गए जहां दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई।
मोदी और बाइडेन के बीच एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत हुई, इसके बाद बाइडेन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी पहले के मुकाबले अधिक मजबूत, घनिष्ठ और अधिक गतिशील है। जब भी हम मिलते हैं मैं सहयोग के नए क्षेत्रों को तलाशने की हमारी क्षमता से प्रभावित होता हूं। आज भी ऐसा ही हुआ।’
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि दोनों नेताओं ने यहां क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की और आपसी हितों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार विमर्श किया।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘ चर्चा आपसी हितों के क्षेत्रों में भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करने पर केंद्रित रही। दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ-साथ वैश्विक मुद्दों पर विचार विमर्श किया।’ बैठक के बाद एक संयुक्त बयान भी जारी किया गया।
हमारा संदेश स्पष्ट है, क्वाड कायम रहेगा: प्रधानमंत्री मोदी
मोदी ने कहा कि क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) किसी के खिलाफ नहीं है बल्कि यह नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के सम्मान के पक्ष में है। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को शिखर सम्मेलन में कहा, ‘स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी प्राथमिकता है।’
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने गृहनगर विलमिंगटन में वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, ‘हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता का सम्मान, क्षेत्रीय अखंडता और सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने के समर्थन में हैं।’
प्रधानमंत्री का परोक्ष रूप से इशारा चीन की ओर था। चीन दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर क्षेत्रीय विवादों में शामिल है। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है वहीं वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन, ब्रुनेई और ताइवान भी इस पर अपना दावा करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हमारा संदेश स्पष्ट है कि क्वाड कायम रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।’ उन्होंने कहा, ‘ हमने मिलकर स्वास्थ्य सुरक्षा, महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन, क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में कई सकारात्मक एवं समावेशी पहल की हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘ क्वाड के नेता ऐसे समय में एकत्र हुए हैं जब पूरी दुनिया तनाव और संघर्षों से घिरी हुई है। ऐसे समय में क्वाड का अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ मिलकर काम करना पूरी मानव जाति के लिए अहम है।’ प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। वह 23 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
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