शिमला के शोघी में पकड़े चार किलो चिट्टे के आरोप में HRTC के आरएम सोलन महेंद्र राणा को जिला अदालत ने बरी कर दिया है। इसी के साथ अब एचआरटीसी ने भी आरएम राणा को हरी झंडी दे दी है। अब जल्द ही वह अपनी नौकरी पर हाजिर होंगे और हमीरपुर में अपनी सेवाएं देंगे। इसके लिए राणा ने एचआरटीसी के उच्च अधिकारियों का भी धन्यवाद किया है।
राणा ने बताया है कि अदालत ने उन्हें 13 जुलाई को बरी कर दिया था। पुलिस ने जिसको चिट्टा कहकर मेरे पर आरोप लगाया था वह फॉरेंसिक जांच में बेकिंग सोडा निकला है। एसपी शिमला ने मुझपर यह मामला दर्ज किया था, लेकिन पुलिस अपने ही जाल में खुद फंस गई है। राणा ने कहा कि आने वाले दिनों में पुलिस की काली करतूतें भी खोली जाएंगी और एसपी डीडब्लयू नेगी के खिलाफ 50 लाख की मानहानी का मुकद्दमा चलाएंगे।
क्या है पूरा मामला…
शिमला के शोघी में बीते 30 अप्रैल को सरकारी गाड़ी में चार किलो किलो चिट्टा पकड़ा गया था। इसमें एचआरटीसी के आरएम महेंद्र सिंह राणा पर भी पुलिस ने सवाल उठाए थे और मुकद्दमा दर्ज किया था। इसके बाद छानबीन हुई तो चिट्टे की जगह बेकिंग पाउडर निकला और उनकी गाड़ी में लगे जीपीआरएस सिस्टम से भी वह बेगुनाह साबित हुए।
पुलिस ने इस मामले में मनगढ़ंत कहानी बनाई थी, लेकिन वास्तविकता यह है कि 30 अप्रैल को सांय 7:30 बजे वह अपनी गाड़ी में अपने परिचित राजीव एवम उसके दोस्त के साथ शिमला से सोलन जा रहे रहे थे उसी वक़्त सीआईए स्टाफ ने शोघी में उनकी गाड़ी रोककर उनके साथ मारपीट साथ में जो राजीव के दोस्त विकास के बैग में चिट्टे की बात कह कर उन्हें बालूगंज थाना ले जाया गया। जहां पर डीएसपी रतन नेगी ने उनके साथ मारपीट की ओर छोड़ने के लिए छ से सात लाख रूपये की रिश्वत मांगी।