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कांगड़ाः पेंशन लेने के लिए शहीद के मां बाप से कार्यालय के लगवाए जा रहे चक्कर

अजीत वर्मा, जयसिंहपुर |

जिन मां बाप का जवान बेटा छिन जाए और उन्हें पेंशन के लिए चक्कर पे चक्कर लगाने पड़े तो उन मां बाप पर क्या बीतेगी। सरकार शहीदों के परिवार के लिए बड़े-बड़े दावे करती है। लेकिन हकीकत में उनके साथ क्या हो रहा है इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। एक तरफ महामारी ने लोगों को घरों में रहने के लिए मजबूर कर दिया है। तो दूसरी तरफ शहीद के परिजनों से कई किलोमीटर दूर तहसील कार्यालय के चक्कर लगवाए जा रहे हैं।

कांगड़ा के जयसिंहपुर उपमंडल के जालग गांव का अरुण समकडिया तेजपुर में एयरफोर्स में अपनी सेवाएं दे रहा था। इस दौरान 23 फरवरी 20 को दुर्घटना में शहीद हो गया। जिसकी 26 फ़रवरी 20 को सस्मान जालग गांव में अंतेष्टि की गई। जिसमें प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे। लेकिन चार महिने से भी कम समय में प्रशासन शहीद के परिजनों को भूल गया औऱ कायदे के अनुसार शहीद कि मां को पेंशन मिलनी थी। जिसके लिए आय घोषणा पत्र के नाम पर शहीद के मां बाप से कार्यालय के चक्कर लगवाए जा रहे हैं।  

शहीद के पिता 62 साल सुनील दत्त समकडिया अपनी 54 साल पत्नी अंजना कुमारी के साथ तहसील कार्यालय में पांचवी बार पहुंचे तो उनका दर्द उनकी आंखों से छलक पड़ा लेकिन तहसीलदार जयसिंहपुर पीसी आजाद का दिल नहीं पसीजा आपको बता दें कि शहीद की अंतेष्टि में तहसीलदार महोदय भी शामिल हुए थे। शहीद के पिता सुनील दत्त समकडिया जोकि हार्ट पेशेंट हैं औऱ माता जिनका शुगर लेवल 464 पहुंच चूका है। कोरोना जैसी महमारी के दौरान कार्यालय के चक्कर लगवाए जा रहे हैं।

शहीद के पिता का कहना है कि उन्होंने अपनी औऱ पत्नी की आय स्वयं घोषणा पत्र में घोषित की हुई है। जिसके बारे में तहसीलदार महोदय से बात भी हुई थी उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी अंजना कुमारी को शहीद बेटे की पेंशन लगनी है। जिसमें से कुछ हिस्सा लेने की मंशा का तहसीलदार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि शायद इस कारण उनके चक्कर लगवाए जा रहे हैं। वह पांचवीं बार कार्यालय में आए है और नाशते के सिबाए पानी की एक बूंद तक उन्होंने औऱ उनकी पत्नी ने नहीं पी है।  उन्होंने सरकार के ध्यान में लाते ऐसे लोगों से न्याय मिलने की उम्मीद ज़ाहिर की है।  

तहसीलदार जयसिंहपुर पीसी आजाद से जब उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो पहले तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। ऐसा पहली बार नहीं पहले भी जब उन्हें अन्य मामले के बारे में जानने के लिए कई बार फोन किये गए तब भी तहसीलदार ने फोन रिसीव नहीं किया। अंत में फोन रिसीव करने पर उन्होंने बताया कि उन्हें फोर्मेलिटी बताई गई है। उन्हें पुरा करने पर उनका काम हो जाएगा।