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नागरिक सभा की दो टूक, पानी की दरों में वृद्धि हुई तो होगा आंदोलन

पी. चंद |

शिमला नागरिक सभा ने नगर निगम शिमला द्वारा पानी की दरों में वृद्धि की कड़ी निंदा की है। नागरिक सभा ने मांग की है कि बढ़ी हुई दरें तुरन्त वापिस ली जाएं अन्यथा आंदोलन होगा। नागरिक सभा ने ऐलान किया है कि पानी की बढ़ी हुई दरों के खिलाफ 3 अगस्त को महापौर कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन होगा।

शिमला नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने संयुक्त बयान जारी करके कहा है कि वर्तमान भाजपा शासित नगर निगम को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। यह नगर निगम पूरी तरह जनविरोधी है व इसने जनता को परेशान करने का ही कार्य किया है। इस नगर निगम के कारण पहले जनता को कई दिनों तक प्यासा रहना पड़ा।

शहर कूड़े का ढेर बन चुका है। जनता की समस्याएं हल करने के बजाए नगर निगम की महापौर व उप महापौर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने व घूमने फिरने में व्यस्त हैं। ये दोनों जनता के हितों के बजाए अपने व्यक्तिगत हितों की पूर्ति में लगे हैं जिसका ताजा उदाहरण डिप्टी मेयर के लिए गाड़ी सैंक्शन करना है।
   
 भाजपा की नगर निगम लगातार ठेकेदारों व प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाली नीतियों का अनुसरण कर रही है। इसी के तहत नगर निगम लगातार पानी के निजीकरण की  साज़िश रच रहा है। इसी के मध्यनजर पानी के संचालन के लिए एक कम्पनी का गठन किया गया है। नगर निगम द्वारा पानी की दरों में भारी बढ़ोतरी इसी दिशा में एक कदम है।

भाजपा शाषित नगर निगम जनता को मूलभूत सुविधाएं देने में असमर्थ रही है। वह लगातार जनता पर आर्थिक बोझ लाद रही है। शहर के नागरिकों से जर्जर सुविधाओं के बदले भारी यूजर चार्ज वसूले जा रहे हैं। कूड़े व पानी की दरों में भारी बढ़ोतरी से जनता मानसिक परेशानी झेल रही है। इस तरह भाजपा शासित नगर निगम एक लुटेरा नगर निगम साबित हुआ है।

उन्होंने कहा है कि नगर निगम की तानाशाही बर्दाश्त नहीं कि जाएगी। उन्होंने नगर निगम को चेताया है कि वह अपनी नीतियां बदले अन्यथा उसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया जाएगा। सामाजिक कार्यकर्ता ऐब आरटीआई कार्यकर्ता रवि कुमार दलित ने कहा कि नगर निगम शिमला द्वारा पानी के बिलों में जो बढ़ोतरी की गई है और जनता पर अधिक बोझ डाला गया है।उसे तुरंत वापस ले क्योंकि शहर की जनता को साफ पानी पिलाने में नगर निगम शिमला विफल रहा है।

स्थानीय पार्षद वह अधिकारी देश विदेश की  यात्राओं का आनंद शहर की जनता द्वारा दिए गए टैक्स के पैसे से ले रहे हैं और स्थानीय जनता त्रस्त है अगर नगर निगम शिमला ने पानी की बढ़ाई गई दरों को वापस नहीं लिया तो नगर निगम शिमला महापौर ऑफिस के बाहर अनशन शुरू किया जाएगा