सीटू जिला कमेटी शिमला की मीटिंग आज किसान मजदूर भवन चितकारा पार्क में सम्पन्न हुई। इस दौरान सीटू जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि आंगनबाड़ी, मिड डे मील सहित सभी आशा वर्कर अपनी मांगों को लेकर 17 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल करेंगे। इस दिन प्रदेश के लगभग 37 हज़ार आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर हड़ताल पर रहेंगे। इस दिन प्रदेश के सभी जिलों और ब्लॉकों में सीटू के नेतृत्व में आंगनबाड़ी कर्मियों द्वारा धरने प्रदर्शन किए जाएंगे। शिमला जिला में शिमला, ठियोग, रामपुर और रोहड़ू में प्रदर्शन करेंगे।
विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ सीटू आंदोलन तेज करेगा। उन्होंने केंद्र सरकार को चेताया है कि वह मजदूर विरोधी निर्णय लेना बंद करे अन्यथा देश का मजदूर वर्ग उसे सत्ता से बाहर उखाड़ फेंकेगा।। मजदूरों के लिए बने कानूनों को एक एक करके खत्म किया जा रहा है। महंगाई लगातार बढ़ रही है। खाद्य वस्तुओं तथा पेट्रोल डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
उन्होंने मांग की है कि बढ़ती महंगाई के मद्देजर मजदूरों का न्यूनतम वेतन 21 हज़ार रुपये किया जाए। आंगनबाड़ी, मिड डे मील और आशा जैसे स्कीम वर्करों के रोजगार को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है, जो कि जन विरोधी है।
मेहरा ने मांग की है कि स्कीम वर्करों को 43वें राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार रेगुलर किया जाए। बीएसएनएल, और बैंकिंग जैसे सार्वजनिक क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं, 2003 के बाद नियुक्त कर्मचारियों और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन नहीं दी जा रही है।