<p>केंद्रीय बजट के विरोध में देश भर के दस मज़दूर संगठन की यूनियनों ने हल्ला बोला है। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट के विरोध में हिमाचल में भी सीटू सड़कों पर उतर आई है। बजट के विरोध में सीटू ने शिमला में धरना दिया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।</p>
<p>सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम ने बताया की बीते वीरवार को पेश किए गए केन्द्रीय बजट में मज़दूरों, गरीबों और किसानों के हितों की अनदेखी की गई है। बजट पूरी तरह मज़दूर और गरीब विरोधी है जबकि बड़े बड़े कॉरपोरेट घरानों को छूट देकर फ़ायदा पहुंचाने की कोशिश को गई है।</p>
<p>मज़दूरों के न्यूनतम वेतन की लंबे समय से लंबित पड़ी मांग पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का ये चौथा बजट था लेकिन इसमें भी मजदूरों के हितों की अनदेखी की गई है। बजट में मंहगाई को कम करने, बेरोजगारी को कम करने या आम आदमी के लिए कोई पहल नहीं की गई है।</p>
<p>सीटू ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार सिर्फ प्रचार बनकर रह गई है। जितना पैसा इस सरकार ने प्रचार में लगाया उतना विकास में लगाती तो देश की जनता को राहत मिलती।</p>
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