कोटशेरा कालेज में अगले शैक्षणिक सत्र से अंग्रेजी ,अर्थशास्त्र और राजनीति शास्त्र की कक्षाएं, सेंट्रल हीटिंग सुविधा भी: सुक्‍खू

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  • मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सूक्खू ने कोटशेरा कॉलेज में नई कक्षाएं शुरू करने और आधारभूत सुविधाओं के विस्तार की घोषणा की।
  • प्रदेश सरकार शिक्षा में बड़े सुधार लाने और हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।
  • राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों की शुरुआत और स्वास्थ्य सुविधाओं को एम्स दिल्ली की तर्ज पर सुधारने की योजना।

Himachal Education Reform: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सूक्खू ने सोमवार को शिमला के कोटशेरा कॉलेज में आयोजित वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कॉलेज में अगले शैक्षणिक सत्र से अंग्रेजी, अर्थशास्त्र और राजनीति शास्त्र की कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की। इसके अलावा, कॉलेज में सेंट्रल हीटिंग सुविधा और चहारदीवारी निर्माण की मांगों को भी पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल की नींव रख रही है और शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले चार से पांच वर्षों में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को विश्व स्तरीय बनाया जाएगा। इसके लिए युवाओं का सहयोग आवश्यक है। शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कम छात्र संख्या वाले बंद किए गए शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों को बड़े कॉलेजों और स्कूलों में सीट आरक्षित कर शिक्षा जारी रखने की सुविधा दी जाएगी। साथ ही, इन विद्यार्थियों के लिए परिवहन की विशेष सुविधा भी अगले सत्र से उपलब्ध करवाई जाएगी।

प्रदेश सरकार ने अगले सत्र से पूरी तरह से सुविधायुक्त 10 राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों को शुरू करने की योजना बनाई है। इन स्कूलों में प्री-नर्सरी से 12वीं कक्षा तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ खेल और अन्य गतिविधियों की भी विशेष व्यवस्था होगी। स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक उन्नत करने के लिए आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज में एम्स दिल्ली की तर्ज पर आधुनिक जांच और उपचार सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके तहत अत्याधुनिक उपकरण खरीदे जाएंगे, जिससे गंभीर बीमारियों का शीघ्र पता लगाया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2032 तक हिमाचल को एक समृद्ध और आर्थिक रूप से सशक्त राज्य बनाने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है। साथ ही, 31 मार्च 2026 तक हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए भ्रष्टाचार पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाया जाएगा।