हिमाचल

दूर-दराज क्षेत्रों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना मेरी प्रतिबद्धताः CM

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य के दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना सदैव ही मेरी प्रतिबद्धता रही है। उन्हें सुविधा प्रदान करने के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से एक राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोला जा रहा है। राज्य सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। गरीब विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित न रहें, इसके लिए उन्हें एक प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा।

शिक्षा के डिजिटाइजेशन से इंटरनेट के उपयोग का विषय सार्वभौमिक हो चुका है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का भविष्य अब बेहतर होगौ। बहुत से विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों ने एडटेक (शिक्षा तकनीक) और कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस) को अपने पाठ्यक्रमों का अभिन्न अंग बनाया है। इस अत्याधुनिक तकनीक के उपयोग के लिए एक अच्छा इंटरनेट कनेक्शन होना भी आवश्यक है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि 4जी इंटरनेट ने एडटेक टूल्स के सुचारू उपयोग में मदद की है। 4जी तकनीक ने सही मायने में संस्थानों को क्लाउड-आधारित एडटेक टूल्स का अधिक कुशल तरीके से उपयोग करने में सक्षम बनाया है।

5जी मोबाइल नेटवर्क की शुरुआत के साथ एडटेक टूलस के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है। 4जी नेटवर्क की तुलना में 5जी नेटवर्क तेज डेटा ट्रांसफर गति प्रदान करता हैं। इससे ऑनलाइन शिक्षा उपकरणों का उपयोगकर्ता अनुभव बेहतर होगा। 5जी नेटवर्क कम से कम बफरिंग के साथ रीयल-टाइम वीडियो स्ट्रीमिंग का बेहतरीन अनुभव प्रदान करते हैं और यह इंटरएक्टिव शैक्षणिक उपकरणों के इस्तेमाल के लिए बेहतर भी हैं, जिनके लिए तेज और विश्वसनीय डेटा ट्रांसफर की आवश्यकता होती है।

5जी तकनीक के आरम्भ होने के बाद, राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर परिवर्तन लाने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में नए तकनीकी पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें। रोबोटिक्स, ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी, क्लाउड कंप्यूटिंग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे पाठ्यक्रम युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान कर सकते हैं।

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