हिमाचल

बिकाऊ पूर्व विधायक लखनपाल की जुबान मीठी, दिल काला : मुख्यमंत्री

बड़सर: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बड़सर के बिके हुए पूर्व विधायक की जुबान मीठी और दिल काला है। वह बिकने के बावजूद मीठी-मीठी बातें करते रहे, राज्यसभा चुनाव के दिन ब्रेकफास्ट व पिछली रात डिनर हमारे साथ किया, लेकिन अपना ईमान भाजपा को बेच चुके थे। उन्हें हमारा सम्मान नहीं, भाजपा का सामान से भरा ब्रीफकेस चाहिए था। दो खनन माफिया हमीरपुर जिले के विधायक थे, अब बिककर भाजपा में जा चुके हैं। मैंने भू माफिया, खनन माफिया और नशा माफिया पर शिकंजा कसा, जिससे उन्हें बहुत तकलीफ हुई।
मुख्यमंत्री ने ये बातें चकमोह, बिझड़ी, महारल व धंगोटा में कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार सतपाल रायजादा व विधानसभा उम्मीदवार सुभाष ढ़टवालिया के पक्ष में धुआंधार चुनाव प्रचार करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिला से मुख्यमंत्री होने के बावजूद बड़सर के विधायक ने धोखा किया, वह बेईमान हो गए। सरकार गिराने की साजिश रचने वालों के खिलाफ हमने एफआईआर दर्ज की है। जांच में पाया गया है कि एक-एक विधायक के कमरे का किराया 2-2 लाख रुपये दिया गया है। हमीरपुर जिला के तीन विधायक 15-15 करोड़ रुपये से अधिक में बिके हैं, उसमें से एक छोटा अटैची ही अंदर आया है, बाकी ब्रीफकेस अंदर नहीं आ रहे, हमने प्रदेश की सीमाएं सील की हैं, बिकाऊ विधायक बाकी अटैची के लिए तरसते रहेंगे। लखनपाल की हर मांग मानी गई। सड़कों को चौड़ा करने के टेंडर तक हो चुके। राज्यसभा चुनाव में पूर्व विधायक इंद्रदत्त लखनपाल को टीम लीडर बनाया हुआ था कि कोई गड़बड़ी न हो। लेकिन, उन्होंने शर्म बेच दी, बेशर्म हो गए। भाजपा ने इन्हें खरीदा, अब उन्हें गुलामी करनी पड़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपके क्षेत्र का सांसद व विधायक होऊंगा। आपके सारे काम करूंगा, हर पंचायत में आऊंगा। बड़सर के लोगों व भाजपा कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि नई नवेली बिकाऊ दुल्हन के साथ न चलें, वह आपका घर भी उजाड़ देगी। क्षेत्र की जनता रो-रोकर नाच रही नई बहू के झांसे में न आए। बड़सर के पूर्व विधायक को एक महीना तक चंडीगढ़, पंचकूला, गुरुग्राम, ऋषिकेश व दिल्ली रहने के दौरान अपने क्षेत्र के लोगों की याद नहीं आई। बड़सर के भाजपा कार्यकर्ताओं को यह याद रखना होगा कि इंद्रदत्त लखनपाल जब कांग्रेस के नहीं हुए तो आपके कहां होंगे। बड़सर में मुख्यमंत्री के नाते मैंने 500 करोड़ के काम किये, फिर भी लखनपाल हमारे नहीं बने। इसलिए भाजपा कार्यकर्ता भी पार्टी विचारधारा से ऊपर उठकर मतदान करें और बिकाऊ विधायकों की जमानत जब्त करवाएं। प्रदेश में अभी साढ़े तीन साल तक कांग्रेस सरकार है, बड़सर में अभूतपूर्व विकास कार्य करेंगे।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को चुनौती देने की बड़ी आदत पड़ गई है। उन्होंने पहली चुनौती ओपीएस को दी। विधानसभा में कहा कि ओपीएस चाहिए तो कर्मचारी विधानसभा का चुनाव लड़ लें। मैं कर्मचारी का बेटा हूं, कर्मचारियों की दिक्कतें जानता हूं, हमने कांग्रेस सरकार बनने पर पहली कैबिनेट में ओल्ड पेंशन दी। मैंने भी उन्हीं अधिकारियों से काम कराया, जो जयराम को ओपीएस न देने की सलाह देते थे। उसके बादजयराम ने विधानसभा में भगवान को चुनौती दी। अब 1500 रुपये पेंशन रुकवाकर महिला शक्ति को चुनौती दी है। जयराम पांच साल चैन की नींद सोए रहे, प्रदेश का पूरा खजाना खाली कर दिया। पिछले 5 साल पेपर व नौकरियां बिकती रहीं। हमने भ्रष्टाचार के अड्डे हमीरपुर अधीनस्थ चयन बोर्ड को बंद किया। नया राज्य चयन आयोग पारदर्शिता व निष्पक्षता के साथ काम कर रहा है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह ने कहा कि सुभाष ढ़टवालिया ईमानदार हैं, उनकी लड़ाई बेईमान से है। बेईमान, ईमानदार से बार-बार टकराएगा, लेकिन जीत ईमानदारी की होगी। सतपाल रायजादा मिलनसार हैं, उन्हें भी जिताकर संसद भेजें। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर पिछले 15 साल से हमीरपुर के लिए रेलवे लाइन ही ला रहे हैं, जब झूठ बोलकर थक गए तो यह कहना शुरू कर दिया कि प्रदेश सरकार पैसे नहीं दे रही। अगर हमने रेलवे लाइन बनानी होती तो खुद ही बना लेते। रेलवे केंद्र का विभाग है, उसने काम करना है। हमारी सरकार बने तो अभी 15 महीने ही हुए हैं। पिछले 5 साल भाजपा सरकार प्रदेश में थी, तब अनुराग ठाकुर को रेलवे लाइन, जमीन व पैसों की याद नहीं आई। जोलसप्पड़ मेडिकल कॉलेज को लेकर अनुराग ने झूठ बोलने की हदें पार कर दी हैं। अगर भाजपा या अनुराग ठाकुर मेडिकल कॉलेज लाए होते तो उसके साथ डॉ. राधाकृष्णन का नाम नहीं जुड़ा होता। वह अपनी पार्टी के किसी नेता के नाम पर कॉलेज का नामकरण करते।
इस दौरान तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, लोकसभा उम्मीदवार सतपाल रायजादा, विधानसभा उम्मीदवार सुभाष ढ़टवालिया, पूर्व विधायक मनजीत डोगरा, तिलकराज शर्मा, बीरू राम किशोर, झंडूता से कांग्रेस के पूर्व उम्मीदवार विवेक कुमार, कृष्ण कुमार चौधरी, एआईसीसी के बड़सर में समन्वयक संतोष तिवारी, राजेश बन्याल, कमल पठानिया, रूबल ठाकुर, शर्मिला पटियाल इत्यादि मौजूद रहे।
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