शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन विधेयक 2023 प्रस्तुत किया गया. इसके तहत अनाथ बच्चों की प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन, आश्रम में उनकी देखरेख, उनके विवाह के लिए 2 लाख, पॉकेट मनी, घूमने-फिरने का खर्च, फेस्टिवल पर वित्तीय मदद, लैंड-लेस को मकान के लिए जमीन इत्यादि देने के सभी प्रावधान किए, सरकार इन बच्चों को 27 साल तक पालेगी.
बिल पर नेता विपक्ष ने कहा
विधेयक पर नेता विपक्ष जय राम ठाकुर ने कहा कि केंद्र की तर्ज पर नाम बदल कर योजनाओं पर कार्य कर रहें हैं, उन योजनाओं का स्वरूप बताये मुख्यमंत्री, केंद्र सरकार की योजना पर एडीशन करे इसका समर्थन करते हैं, सुखाश्रय योजना को बताया राजनीतिक दृष्टि से किया प्रावधान .
मुख्यमंत्री ने कहा सेंट्रल एक्ट में बदलाव नहीं होता
देश के किसी भी प्रदेश में ऐसा एक्ट नहीं है, स्टेट के द्वारा पहला इसके लिए 101 करोड़ FD के बाद बजट बनाया, सुक्खविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि से 27 साल तक सरकार माता पिता, चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा दिया जाएगा, उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं उसको उस शिक्षा के लिए सारा खर्च सरकार का होगा, 4 हजार रुपये देगी जब तक शिक्षा पूरी होने तक सरकार उठाएगी, बच्चों को साल के एक दिन तक बच्चे को किसी भी राज्य का टूर करायेगी, जिसका खर्च सरकार देगी, मकान बनाने के लिए पैसे सरकार देगी, स्वरोजगार शुरू करने पर भी सरकार मदद करेगी.