हिमाचल प्रदेश की भिन्न भौगोलिक विशिष्टता का असर यहां के विविध कला एवं शिल्प पर देखा जा सकता है जिस कारण यह देश एवं विदेश में प्रसिद्ध है। प्रदेश के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पाद राज्य की परंपराओं को अपने विविध कला और शिल्प रूपों में दर्शाते हैं, साथ ही कारीगरों के शिल्प कौशल को भी उजागर करते हैं। यहां के प्रसिद्ध कला और शिल्प उत्पादों में किन्नौरी और कुल्लवी शॉल, लकड़ी के शिल्प, धातु शिल्प, कढ़ाई, वस्त्र, गलीचे और कालीन शामिल हैं। ये उत्पाद न केवल स्थानीय लोगों द्वारा उपयोग किए जाते हैं, बल्कि राज्य में आने वाले पर्यटकों के बीच तथा देश-विदेश में भी इनकी काफी मांग है।
ऐसे उत्पादों को और अधिक बढ़ावा देने और इनकी खरीद को सुलभ बनाने के लिए राज्य सरकार ने शिमला और मंडी जिला में ‘खादी प्लाजा’ स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसमें खादी उत्पादों के अलावा हथकरघा, हस्तशिल्प से जुड़े अन्य उत्पाद भी उपलब्ध होंगे। इसके सबंध में अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर सरकार को सौंपने और विशेषज्ञ एजेंसियों से परामर्श लेने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह प्लाजा ग्रामीण कारीगरों और उद्यमियों को विपणन सुविधाएं प्रदान करने के अलावा आय सृजन का स्रोत बनेंगे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि खादी बोर्ड ग्रामीण क्षेत्रों में भेड़पालकों और बागवानों, विशेष रूप से जनजातीय क्षेत्रों में खादी केंद्रों के माध्यम से ऊन की कताई और खुमानी बीज तेल निकालने के लिए मशीनों की सुविधा प्रदान कर रहा है। इससे इस क्षेत्र से जुड़े हितधारकों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत राज्य खादी बोर्ड ने प्रदेश की 383 इकाइयों को 14.34 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की है। राज्य में इन इकाइयों की परियोजना लागत 57.36 करोड़ है जिससे राज्य के 3,064 युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।
प्रदेश में अत्याधिक ठंडी जलवायु के कारण लोगों को ज्यादातर समय ऊनी कपड़ों की ज़रूरत रहती है। हिमाचल अपने चमकीले रंग-बिरंगे शॉल और टोपियों के लिए भी प्रसिद्ध है। हिमाचल प्रदेश का प्रत्येक क्षेत्र विशेष डिजाइन के शॉल का उत्पादन करता है, जोकि वहां की संस्कृति को दर्शाता है। कुल्लवी शॉल व टोपी अपने विशेष पैटर्न और सुंदर डिजाइन के लिए जाने जाते हैं। शॉल की रंग-बिरंगी श्रृंखला उन पर्यटकों के लिए बेहद खुशी की बात है जो इन्हें खरीदने के लिए हिमाचल आते हैं। हिमाचल की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का ताना-बाना इन सांस्कृतिक रूप से महत्त्वपूर्ण व्यवसायों के योगदान से मजबूत हुआ है, जिससे राज्य के ग्रामीण कारीगरों की आर्थिकी में भी वृद्धि हुई है।
CM Sukhwinder Singh Sukhu: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इंदिरा गांधी मेडिकल…
Vikramaditya Singh Camp Office Mandi : मंडी की सांसद कंगना रनौत द्वारा मंडी में…
Chamba Tragic Death: चंबा जिले के चुराह क्षेत्र में एक दुखद घटना घटी, जहां चिकन…
Bus Overturns Near Kandaghat: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के कंडाघाट के पास उत्तराखंड डिपो…
Hamirpur Migrant Worker Murder: पुलिस थाना भोरंज के तहत जाहू कलां गांव में बीते…
Kolkata Doctor Case; केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक के…