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हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद करना आज की जरूरत

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Gender-Based Violence Workshop Mandi: मंडी में जेंडर आधारित हिंसा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा साक्षरता भवन में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें स्वास्थ्य, पुलिस, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज संस्थाओं सहित विभिन्न विभागों और संगठनों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कार्यशाला का उद्घाटन जिला परिषद सदस्य चंपा ठाकुर ने किया। उन्होंने कहा कि आज भी समाज में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कमतर आंका जाता है। पितृसत्ता के कारण जन्म से पहले ही लड़कियों के साथ भेदभाव शुरू हो जाता है, जिसके कारण लिंग चयन आधारित भ्रूण हत्या जैसी समस्याएं सामने आती हैं। यह भेदभाव और असमान सामाजिक दर्जा ही महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा के मूल कारण हैं। उन्होंने महिला हिंसा के खिलाफ सामूहिक प्रयास की जरूरत पर जोर दिया।

कार्यशाला में मुख्य वक्ता एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी एन.आर. ठाकुर ने जेंडर आधारित हिंसा के कारणों, दुष्परिणामों, लक्षणों, हिंसा चक्र और रोकथाम के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सामाजिक जागरूकता और सामूहिक हस्तक्षेप ही महिलाओं को स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ने का ठोस आधार प्रदान कर सकता है।

इस अवसर पर संरक्षण अधिकारी शैलजा अवस्थी और प्रोबेशन ऑफिसर रमा ने मिशन वात्सल्य, मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना और यौन उत्पीड़न व पॉक्सो एक्ट से जुड़ी जानकारी साझा की।

कार्यशाला का समापन जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय बडरेल ने किया। उन्होंने कहा कि महिला हिंसा को रोकना और इसके खिलाफ आवाज़ उठाना समय की मांग है, ताकि समुदाय के सहयोग से इस पर अंकुश लगाया जा सके।