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हिमाचल में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग के लिए सरकार ने गठित की कमेटी

समाचार फर्स्ट डेस्क |

प्रदूषण से जूझ रहे देश के प्रमुख महानगरों के बाद अब हिमाचल के 7 शहरों की एयर क्वालिटी की भी जांच होगी। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ( एनजीटी) के कड़े रुख के बाद जयराम सरकार ने इसके लिए कमेटी का गठन कर लिया है जोकि एयर क्वालिटी को जांचेंगे।

जयराम सरकार ने 6 सदस्यीय एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग कमेटी गठित की है। जिसमें निदेशक परिवहन, उद्योग, शहरी विकास, कृषि, पर्यावरण विज्ञान और सदस्य सचिव (प्रदूषण नियंत्रण) होंगे। बददी, डमटाल, कालाअंब, नालागढ़, पांवटा साहिब, परवाणू, सुंदरनगर की हवा की गुणवत्ता कैसी है, इसकी मॉनिटरिंग होगी। इन क्षेत्रों में उद्योग लगे हैं ऐसे में तय नियमों का अनुपालन हो रहा है या नहीं इसकी जानकारी एनजीटी चाहता है।

दिवाली पर भी हुई हवा की क्वालिटी जांच

बता दें कि हिमाचल प्रदेश स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इससे पहले दिवाली की रात को प्रदेश भर में हवा की क्वालिटी पर रिपोर्ट तैयार की थी। रिपोर्ट के अनुसार इस बार पटाखों से हिमाचल प्रदेश के कुल पांच शहरों की हवा सबसे अधिक जहरीली हुई थी। इन शहरों में बद्दी, परवाणू, पांवटा, कालाअंब और मनाली शामिल हैं।

रिपोर्ट 7 नवंबर यानी दिवाली की रात की हवा पर आधारित है। इस रिपोर्ट के अनुसार हवा में मौजूद घातक तत्वों यानी रेस्पाइरेबल पार्टिकुलेट मैटर की मात्रा हाउसिंग बोर्ड बद्दी में सबसे अधिक 248 थी। साफ-सुथरी हवा में इस मैटर की मात्रा 100 तक होनी चाहिए। इस आधार पर परवाणू, सुंदरनगर बीबीएमबी कालोनी, नालागढ़ और मनाली के नेहरू पार्क में भी हवा कुछ प्रदूषित पाई गई।

सल्फर डाईआक्साइड के हिसाब से परवाणू, पांवटा, काला अंब और मनाली में प्रदूषण मिला है, लेकिन हिमाचल के लिहाज से ये खुशी की बात है कि नाईट्रोजन आक्साइड जैसा घातक तत्व प्रदेश में किसी भी शहर में अधिक मात्रा में नहीं मिला है। हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव आरके प्रूथी ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कुल 11 स्थानों पर हवा का प्रदूषण मापने वाले यंत्र लगाए हैं। इन्हीं के आधार पर दिवाली की रात का प्रदूषण का स्तर भी मापा गया।