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जब ‘हाथ का पंजा’ नहीं ‘गाय-बछड़ा’ था कांग्रेस का चुनाव निशान

<p>देश की सबसे पार्टी रही कांग्रेस का ज़िक्र आते ही &#39;हाथ का पंजा&#39; ज़हन में अपने आप उभरने लगता है लेकिन बहुत कम लोग&nbsp; जानते हैं कि &#39;पंजा&#39; कांग्रेस का हमेशा से चुनाव निशान नहीं था। कांग्रेस ने सवा सौ साल के इतिहास में चुनाव चिन्ह को लेकर कई प्रयोग किए।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>दो बैलों का रहा चुनाव चिन्ह</strong></span></p>

<p>एनी बेसेंट की थियोसोफिकल सोसाइटी के सक्रिय सदस्यों एलन आक्टोवियन ह्यूम और दूसरे लोगों द्वारा 1885 में स्थापित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1931 में तिरंगे को अपने पहले झण्डे़ के रुप में मान्यता प्रदान की थी। देश आज़ाद हुआ तो तिरंगा राष्ट्रीय ध्वज बन गया।&nbsp; इसके बाद काफी लम्बे वक्त तक दो बैलों की जोड़ी कांग्रेस का चुनाव चिन्ह रहा। साल 1969 में पार्टी विभाजन के बाद चुनाव आयोग ने इस चिन्ह को ज़ब्त कर लिया। कामराज के नेतृत्व वाली पुरानी कांग्रेस को तिरंगे में चरखा जबकि नयी कांग्रेस को गाय और बछडे का चुनाव चिन्ह मिला।</p>

<p><img src=”/media/gallery/images/image(113).jpeg” style=”height:719px; width:550px” /></p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>चुनाव आयोग ने गाय बछड़े के चिन्ह को किया जब्त</strong></span></p>

<p>साल 1977 में आपातकाल खत्म होने के बाद कांगेस की बदहाली शुरू हुई। इसी दौर में चुनाव आयोग ने गाय बछड़े के चिन्ह को भी जब्त कर लिया। रायबरेली में करारी हार के बाद सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस के हालात देखकर पार्टी प्रमुख इन्दिरा गांधी काफी परेशान हो गयीं। कहा जाता है कि परेशानी की हालत में इंदिरा गांधी तत्कालीन शंकराचार्य स्वामी चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती का आशीर्वाद लेने पहुंची। इंदिरा गांधी की बात सुनने के बाद पहले तो शंकराचार्य मौन हो गए लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने अपना दाहिना हाथ उठाकर आर्शीवाद दिया तथा &#39;हाथ का पंजा&#39; पार्टी का चुनाव निशान बनाने को कहा।</p>

<p><img src=”/media/gallery/images/image(114).jpeg” style=”height:315px; width:639px” /></p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>चुनाव चिन्ह बना पंजा</strong></span></p>

<p>उस समय आंध्र प्रदेश समेत चार राज्यों का चुनाव होने वाले थे।&nbsp; उसी वक्त कांग्रेस आई की स्थापना की और आयोग को बताया कि अब पार्टी का चुनाव निशान पंजा होगा। उन चुनावों में कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई, ज्योतिष पर यकीन रखने वाले लोग मानते हैं कि ये जीत नए चुनाव चिन्ह &#39;पंजे&#39; का कमाल थी। बहरहाल, उन चुनाव से कांग्रेस पुनर्जीवित हो गयी।अब कांग्रेस पार्टी एक बार फिर संकट के दौर से गुजर रही है। क्या कांग्रेस को नया प्रयोग करने की जरूरत है।</p>

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